आईएमए पोंजी घोटाले (IMA Ponzi Scam) के मुख्य आरोपी मोहम्मद मंसूर खान (Mohammed Mansoor Khan) को गुरुवार को 14 अगस्त तक न्यायिक हिरासत (Judicial custody) में भेज दिया गया है. बता दें कि मोहम्मद मंसूर खान को कथित आईएमए पोंजी घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 19 जुलाई को नई दिल्ली में गिरफ्तार किया था. इस दौरान (कर्नाटक सरकार के) विशेष जांच दल (SIT) ने बेंगलुरु में एक बयान में बताया था कि दुबई से भारत लौटने के बाद खान को दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया गया. वह दुबई भाग गया था. एसआईटी ने बताया था कि दुबई में उसके सूत्रों ने उसे लौटने और कानून के सामने उसे आत्मसमर्पण करने के लिए राजी किया था.
IMA ponzi scam: Founder-owner Mohammed Mansoor Khan has been sent to Judicial custody till 14 August. (file pic) pic.twitter.com/lMdpOzdBy5
— ANI (@ANI) August 1, 2019
दरअसल, एक लाख से अधिक लोगों ने आईएमए जेवेल्स में निवेश किया था. आईएमए जेवेल्स ने 17 कंपनियां शुरू की थीं. एसआईटी ने बताया था कि खान ने लोगों को और ज्यादातर मुसलमानों को पांच कपंनियों में निवेश के लिए आमंत्रित किया था. उसकी कंपनी में 4084 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था. एसआईटी ने बताया था कि उसे अपने निवेशकों को करीब 1400 करोड़ रुपये लौटाना था. करीब डेढ़ महीने बाद वह निवेशकों को झटका देते हुए दुबई भाग गया था. उसने अपने निवेशकों से वादा किया था कि वह भारत लौटेगा और उनकी धनराशि लौटाएगा. यह भी पढ़ें- IMA पोंजी घोटाला: संस्थापक मंसूर खान को ED ने दिल्ली एयरपोर्ट से किया गिरफ्तार, पूछताछ जारी
हजारों शिकायतों के आधार पर एसआईटी ने खान और अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज किया. उसने खान, कंपनी के 12 निदेशकों, बेंगलुरु (शहरी) जिले के उपायुक्त विजय शंकर, सहायक आयुक्त एल सी नागराज, बेंगलुरु विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी और बृहद् महानगरपालिका के एक नामित पार्षद और एक ग्राम लेखाकार समेत 22 लोगों को गिरफ्तार किया. दुबई भागने से पहले खान ने शिवाजीनगर के कांग्रेस विधायक आर रोशन बेग पर 400 करोड़ रुपये लेने और यह रकम नहीं लौटाने का आरोप लगाया था. बेग ने इस आरोप को झूठा और मनगढंत करार देते हुए स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया था.
भाषा इनपुट