Triple Talaq Law: तीन तलाक कानून के तहत अब तक कितनी FIR दर्ज हुईं? SC ने मोदी सरकार से मांगी चार्जशीट रिपोर्ट और हलफनामा
(Photo Credits Twitter)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मुस्लिम महिलाओं (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत अब तक पंजीकृत FIR और दायर की गई चार्जशीट की कुल संख्या का हलफनामा मांगा है. यह अधिनियम, जिसे ट्रिपल तलाक (तीन तलाक) को अपराध मानते हुए लागू किया गया था, मुस्लिम महिलाओं को पति द्वारा एकतरफा रूप से तलाक देने से बचाने के लिए है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से यह जानकारी देने को कहा है कि अब तक इस कानून के तहत कितनी FIR मुस्लिम पुरुषों के खिलाफ दर्ज की गई हैं और कितनी चार्जशीट दायर की गई हैं. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई मार्च में निर्धारित की है.

सुप्रीम कोर्ट के इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि वह यह जानना चाहता है कि इस कानून को प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है या नहीं और इसके तहत कितने मामले सामने आए हैं. यह मामला महत्वपूर्ण है क्योंकि तीन तलाक को समाप्त करने के लिए बनाए गए इस कानून का उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं को उनके अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करना है, लेकिन इसके लागू होने के बाद से कुछ मुद्दे उठे थे, जिनमें कानून के सही तरीके से लागू होने की प्रक्रिया और मामलों की संख्या पर सवाल खड़े हुए थे.

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश कानून के प्रभावी कार्यान्वयन और इसकी निगरानी के लिहाज से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि यह कानून सही तरीके से और सभी प्रभावित व्यक्तियों के हित में लागू हो रहा है.