आज पूरी दुनिया में महात्मा गांधी के नाम से शायद ही कोई अंजान होगा. भारत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi ) की आज 150वीं जयंती मना रहा है. जगह-जगह रंग-बिरंगे कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है. बापू को सभी अपने अंदाज में नमन कर याद कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी. इसी कड़ी में मुंबई की पश्चिम रेलवे ने भी बापू को अनोखे अंदाज में याद किया. ईएमयू वर्कशॉप, महालक्ष्मी द्वारा एक रेक पर चित्रों और स्लोगनों के माध्यम से लोकल ट्रेन पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वच्छता के संदेशों को दर्शाया गया है. जिसे जरिये यह संदेश लाखों लोगों तक पहुंचेगा.
बता दें कि मुंबई में लोकल ट्रेन को लाइफ लाइन के नाम से भी जाना था है. मुंबई में लोकल ट्रेन एक दिन में लाखों मुसाफिरों को अपने गंतव्य तक लेकर जाती है, जबकि मुबंई वासियों के लिए करीब 22 घंटे पटरी पर दौड़ती है और सैंकड़ों किलोमीटर का सफर तय करती है. अपने इसी ट्रेन के माध्यम से अब रेलवे लोगों साफसफाई के लिए जागरूक करने का अनोखा तरीका अपनाया है.
हाल ही में ईएमयू वर्कशॉप, महालक्ष्मी द्वारा एक रेक पर चित्रों और स्लोगनों के माध्यम से #MahatmaGandhi की #150thBirthAnniversary पर उनके स्वच्छता के संदेशों को दर्शाया गया है। मुंबई उपनगरीय खंड पर चलने वाला यह रेक लाखों लोगों तक #GandhiAt150 और उनके संदेश को पहुंचाएगा। pic.twitter.com/CfMNlJsUQB
— Western Railway (@WesternRly) October 2, 2019
वहीं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर राजस्थान में दो से नौ अक्टूबर तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत सेन्ट्रल पार्क में गांधी उत्सव के साथ साथ भजन संध्या का आयोजन होगा. खादी प्रदर्शनी में राज्यभर के 500 से अधिक कारीगर अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे. गांधी प्रदर्शनी का आयोजन भारतीय शिल्प संस्थान द्वारा किया जाएगा जिसमें राज्य की बड़ी संख्या में महिला कारीगर अपने उत्पादों को प्रदर्शित करेंगी.
बता दें कि भारत ही नहीं बल्कि दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के दौर में दमन एवं भेदभाव के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए अहम भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी की देशभर में कई प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जो युवा पीढ़ी को बापू के आदर्शों का अनुकरण करने के लिए प्रेरित करती हैं. हालांकि दक्षिण अफ्रीका में स्थापित अधिकतर प्रतिमाओं में चश्मा लगाए, धोती पहने और सिर पर बिना बाल वाले गांधी की पारम्परिक छवि को दर्शाया गया है लेकिन सर्वाधिक ध्यान आकर्षित करने वाली प्रतिमाएं पीटरमारित्जबर्ग और जोहानिसबर्ग में स्थापित की गई हैं.