नई दिल्ली:- नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) का विरोध कर रहे किसानों का आंदोलन (Farmer Protest) 26वें दिन भी जारी है. किसान अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है. दूसरी तरफ सरकार के सामने अब ये चुनौती है कि कैसे किसानों को मनाया जाए और इस आंदोलन को जल्द से जल्द खत्म किया जाए. इस बीच किसानों ने आज एक दिन के भूख हड़ताल (Farmers Hunger Strike) का भी ऐलान किया है. वहीं, केंद्र सरकार ने आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के नाम को फिर एक पत्र भेजकर उनसे वार्ता के जरिए किसानों के मसले का समाधान तलाशने की अपील की. रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने तकरीबन 40 संगठनों को पत्र भेजा है और उनसे अपील की है.
बता दें कि केंद्र सरकार के इस निमंत्रण पर किसान नेता क्या कदम उठाएंगे. उसपर सभी की नजरें हैं. क्योंकि इससे पहले भी किसान नेताओं ने मोदी सरकार के मंत्रियों से वार्ता तो की थी. लेकिन इस मसले पर कोई बात नहीं बन पाई. ये सिलसिला कई बार हुआ. जिसके बाद किसानों ने अपने आंदोलन को और भी तेज कर दिया है. दूसरी तरफ मोदी सरकार बैकफुट पर जाने को तैयार नहीं है. बीजेपी के कई दिग्गज नेता मैदान में उतर चुके हैं. लगातार उनकी तरफ से नए कृषि कानूनों के फायदे बताये जा रहे हैं.
ANI का ट्वीट:-
Ministry of Agriculture & Farmers Welfare writes a letter to protesting farmers, inviting them for a meet once again. In the letter, govt also sought suggestions for date of meeting from farmers' leaders. The letter states that the govt is ready to discuss farmers' apprehensions. pic.twitter.com/NyEUMD7LNa
— ANI (@ANI) December 21, 2020
किसान आंदोलन को सियासी समर्थन भी मिलने लगा है. आम आदमी पार्टी, कांग्रेस समेत कई दलों ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जिससे केंद्र सरकार की परेशानियां और भी बढ़ गई हैं. जहां मोदी सरकार इनमें किसानों के हितों से जुड़े मुद्दों को शामिल कर संशोधन का प्रस्ताव दे चुकी है. वहीं, डटे किसान संगठन इन तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहो हैं. Farmers Protest: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का बड़ा बयान, कहा- अगर MSP खत्म हुई तो छोड़ दूंगा राजनीति.
इससे पहले 17 दिसंबर को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के नाम एक पत्र लिखकर इन कानूनों से किसानों को होने वाले फायदे का जिक्र करते हुए विपक्षी दलों पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया था. इन पत्र के जवाब में प्रदर्शनकारी किसानों की ओर से शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री तोमर के नाम एक पत्र लिखा गया जिसमें सरकार द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों का जवाब दिया गया है.