चंडीगढ़: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों (Farmers) का आंदोलन बढ़ते ही जा रहा है. किसान अपने जिद पर अड़े हैं कि जब तक इस काले कानून को वापस नहीं लिया जाएगा. तब तक उनका आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा. हालांकि किसानों को मोदी सरकार की तरफ से लगातार समझाने की कोशिश की जा रही हैं कि इस क़ानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) खत्म नहीं होगा. बल्कि एमएसपी जारी रहेगा. लेकिन किसान उनके बातों पर भरोसा नहीं कर रहे हैं. किसानों के आंदोलन को लेकर हरियाणा के सीएम मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने भी उन्हें भरोसा दिलाने की कोशिश किया है कि एमएसपी खत्म नहीं होगा.
सीएम खट्टर ने एमएसपी को लेकर किसानों को भरोसा दिलाते हुए ऐलान किया कि अगर एमएसपी खत्म हुई तो वे राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने कहा एमएसपी समाप्त नहीं होगी, हमारी मंशा है कि एमएसपी से ऊपर कैसे जाएं, उसके लिए रास्ते बनाए जा रहे हैं. सीएम खट्टर ने कहा कृषि कानूनों को लेकर किसानों को बहकाया जा रहा है और किसान जल्दी बहक भी जाता है. उन्होंने पूछा- क्या आज तक एमएसपी खत्म हुआ या मंडी बंद हुई क्या? खट्टर ने कहा किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदी जाएगी और उन्हें महंगे दाम प्राप्त होने की स्थिति में फसल को बाजार में बेचने का अधिकार होगा. यह भी पढ़े: Haryana: कृषि बिल को लेकर दुष्यंत चौटाला का बड़ा बयान, कहा- किसान को फसल बेचने में परेशानी नहीं होने देंगे
MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) थी, है और रहेगी। MSP समाप्त करने की कोशिश अगर किसी ने की तो मनोहर लाल खट्टर राजनीति छोड़ देगा। MSP समाप्त नहीं होगी, हमारी मंशा है कि MSP से ऊपर कैसे जाएं, उसके लिए रास्ते बनाए जा रहे हैं: हरियाणा CM मनोहर लाल खट्टर, नारनौल में pic.twitter.com/y7HuDvtLmf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 20, 2020
वहीं सीएम खट्टर से पहले हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी कुछ इसी तरफ से बयान दे चुके हैं खट्टर ने जहां कहा कि अगर एमएसपी खत्म हुई तो मै राजनीति छोड़ दूंगा. वहीं दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी ) खत्म हुई तो मै अपना पद छोड़ दूंगा.
हालांकि दो दिन पहले पीएम मोदी भी मध्य प्रदेश से किसानों से बातचीत में उन्होंने भी यह भरोसा दिलाया था कि एमएसपी खत्म नहीं होगी. पहले की तरफ किसान मंडी में जाकर अपना आनाज बेच सकते हैं. किसानों के संबोधन में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तंज भी कसा था. उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को भड़काने का आरोप लगाया.