चीन में एक नया वायरस HMPV तेजी से फैल रहा है. इससे पहले करीब 5 साल पहले चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई थी. ऐसे में हर किसी के मन में अब यही सवाल है कि क्या यह वायरस दूसरा कोरोना साबित होगा? पिछले कुछ महीनों से चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV Virus Prevention Tips) तेजी से पैर पसार रहा है. इसी बीच अब भारत में इस वायरस की एंट्री हो चुकी है. देश के अब तक HMPV के 3 मामले सामने आ चुके हैं. कर्नाटक में सामने आए दो मामलों के बाद अब अहमदाबाद में भी एक 2 महीने के बच्चे में इस वायरस की पुष्टि हुई है.
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इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने खुद इन मामलों की पुष्टि की है. देश में इस वायरस के मामले सामने आने के बाद इसे लेकर चिंता बढ़ गई है. ऐसे में जानिए कि एक्सपर्ट्स इसके बारे में क्या कह रहे हैं.
HMPV एक खतरनाक वायरस
ह्यूमन मेटाप्नेयूमोवायरस (HMPV) एक प्रकार का सांस से संबंधित वायरस है, जो सामान्य सर्दी-जुकाम का कारण बनता है. यह फेफड़ें के ऊपरी और निचले हिस्से में इंफेक्शन का कारण बनता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है, लेकिन इसके मामलों में वृद्धि ने इसे चर्चा में ला दिया है. यह आमतौर पर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को प्रभावित करता है.
एचएमपीवी के लक्षण क्या हैं?
एचएमपीवी के सामान्य लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं. गंभीर मामलों में, वायरस ब्रोंकाइटिस या निमोनिया जैसी जटिलताओं को जन्म दे सकता है. एचएमपीवी के लिए ऊष्मायन अवधि आमतौर पर तीन से छह दिनों के बीच होती है. जिसमें संक्रमण की गंभीरता के आधार पर लक्षण अलग-अलग अवधि तक बने रहते हैं.
क्या है इसका इलाज?
HMPV के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है. इसका इलाज मुख्य रूप से लक्षणों को प्रबंधित करने पर केंद्रित होता है, जैसे: हाइड्रेशन बनाए रखना, बुखार को नियंत्रित करना, गंभीर मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी.
रोकथाम के उपाय
- HMPV के प्रसार को रोकने के लिए डॉक्टरों ने निम्नलिखित सरल और प्रभावी उपाय सुझाए हैं:
- हाथों की सफाई का ध्यान रखें और समय-समय पर सैनिटाइजर का उपयोग करें.
- खांसते और छींकते समय मुंह ढकना. खांसी-जुकाम वाले व्यक्तियों के संपर्क में आने पर मास्क का उपयोग करें.
- बीमार व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें.
- भीड़भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचें.
भारत के लिए खतरा?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कोई नया वायरस नहीं है. इसमें पैनिक होने की जरूरत नहीं है. इस वायरस से संक्रमित अधिकतर बच्चे होते हैं. ऐसे में अलर्ट रहने की जरूरत है, लेकिन पैनिक नहीं होना है. जरूरी है कि बच्चों को लेकर सभी जरूरी सावधानी बरतें.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि HMPV के बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता और जागरूकता बेहद जरूरी है. इलाज से बेहतर रोकथाम है. छोटी-छोटी सावधानियां अपनाकर इस वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है और स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सकता है.