नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज अपना फैसला सुनाएगा. कोर्ट में यह याचिका कोरोना महामारी को देखते हुए अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द को लेकर याचिका दायर की गई है. कोर्ट में याचिका दायर करने वाले अलग- अलग संस्थान के छात्रों का कहना है कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के हालात को देखते हुये अंतिम वर्ष की परीक्षाएं नहीं करायी जायें और छात्रों के पिछले प्रदर्शन या आंतरिक आकलन के आधार पर ही नतीजे घोषित कर दिए जायें.
सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी द्वारा अंतिम वर्ष की डिग्री परीक्षाएं कराने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई करते हुए बीते 18 अगस्त को ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस फैसले में कोर्ट यह भी तय करेगी कि राज्य सरकार के पास आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने के खिलाफ निर्णय लेने का अधिकार है या नहीं. जिसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. यह भी पढ़े: यूजीसी ने कोविड-19 के दौरान महाराष्ट्र और दिल्ली में परीक्षायें रद्द करने पर न्यायालय में उठाये सवाल
Supreme Court to pronounce tomorrow the verdict on a batch of pleas challenging UGC's July 6 circular and seeking cancellation of final term examination in view of COVID-19 situation.
— ANI (@ANI) August 27, 2020
वहीं इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में यूजीसी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि अंतिम वर्ष, डिग्री वर्ष है और परीक्षा को खत्म नहीं किया जा सकता है. मेहता ने कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित परीक्षाओं के उदाहरणों का भी हवाला दिया और कहा कि कई शीर्ष स्तर के विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प चुना है. मेहता ने जोर देकर कहा कि विदेशी विश्वविद्यालय और आगे की शिक्षा के लिए डिग्री की आवश्यकता होती है.
बता दें यूजीसी ने 6 जुलाई को देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यूजी (स्नातक) और पीजी (परास्नातक) पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को अनिवार्य रूप से 30 सितंबर 2020 तक पूरा करने से संबंधित एक सर्कुलर जारी किया था. हालांकि कोरोनावायरस महामारी के बीच छात्रों और विभिन्न राज्य सरकारों की ओर से इस फैसले का विरोध किया जा रहा है. ( इनपुट आईएएनएस)