DRDO ने कोरोना वायरस के खात्मे के लिए बनाया यूवी-ब्‍लास्‍टर

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कोरोना वायरस के खात्मे के लिए अल्‍ट्रावॉयलट डिसइंफेक्‍शन टावर बनाया है. इस यंत्र का नाम यूवी-ब्‍लास्‍टर है.

देश Nisha Das|
DRDO ने कोरोना वायरस के खात्मे के लिए बनाया यूवी-ब्‍लास्‍टर

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने कोरोना वायरस के खात्मे के लिए अल्‍ट्रावॉयलट डिसइंफेक्‍शन टावर बनाया है. इस यंत्र का नाम यूवी-ब्‍लास्‍टर है. डीआरडीओ के इस अल्‍ट्रावाइलेट डिसइंफेक्‍शन टावर का प्रयोग अत्‍यधिक संक्रमण की आशंका वाले क्षेत्रों में कर सकते हैं. खास बात यह है कि इसमें किसी भी रसायन का प्रयोग नहीं होता. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने बताया कि इस उपकरण का नाम यूवी-ब्‍लास्‍टर है. यह अल्‍ट्रावाइलेट आधारित सैनिटाइजर है. इसे डीआरडीओ के लेज़र विज्ञान और प्रौद्योगिकी केन्‍द्र ने विकसित किया है.

यूवी-ब्‍लास्‍टर प्रयोगशालाओं और कर्यालयों में इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरण, कम्‍प्‍यूटर और अन्‍य उपकरणों के लिए उपयोगी है क्‍योंकि उपकरणों को रासायनिक विधियों से संक्रमण मुक्‍त करना संभव नहीं होता. यह उपकरण हवाई अड्डों, शॉपिंग मॉल, मेट्रो, हॉटलों और कारखानों के लिए भी उपयोगी है जहां बड़ी संख्‍या में लोग आते हैं.

इस उपकरण में 360 डिग्री प्रकाश के लिए 254 एनएम वेवलेंथ पर छह लैम्प हैं, जिसमें सभी लैम्प की क्षमता 43 वाट यूवी-सी पावर है. कमरे के भीतर विभिन्न स्थानों पर उपकरण लगाकर लगभग 12x12 फुट आकार के एक कमरे को लगभग 10 मिनट और 400 वर्ग फुट के कमरे को 30 मिनट में कीटाणुमुक्

DRDO ने कोरोना वायरस के खात्मे के लिए बनाया यूवी-ब्‍लास्‍टर

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कोरोना वायरस के खात्मे के लिए अल्‍ट्रावॉयलट डिसइंफेक्‍शन टावर बनाया है. इस यंत्र का नाम यूवी-ब्‍लास्‍टर है.

देश Nisha Das|
DRDO ने कोरोना वायरस के खात्मे के लिए बनाया यूवी-ब्‍लास्‍टर

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने कोरोना वायरस के खात्मे के लिए अल्‍ट्रावॉयलट डिसइंफेक्‍शन टावर बनाया है. इस यंत्र का नाम यूवी-ब्‍लास्‍टर है. डीआरडीओ के इस अल्‍ट्रावाइलेट डिसइंफेक्‍शन टावर का प्रयोग अत्‍यधिक संक्रमण की आशंका वाले क्षेत्रों में कर सकते हैं. खास बात यह है कि इसमें किसी भी रसायन का प्रयोग नहीं होता. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने बताया कि इस उपकरण का नाम यूवी-ब्‍लास्‍टर है. यह अल्‍ट्रावाइलेट आधारित सैनिटाइजर है. इसे डीआरडीओ के लेज़र विज्ञान और प्रौद्योगिकी केन्‍द्र ने विकसित किया है.

यूवी-ब्‍लास्‍टर प्रयोगशालाओं और कर्यालयों में इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरण, कम्‍प्‍यूटर और अन्‍य उपकरणों के लिए उपयोगी है क्‍योंकि उपकरणों को रासायनिक विधियों से संक्रमण मुक्‍त करना संभव नहीं होता. यह उपकरण हवाई अड्डों, शॉपिंग मॉल, मेट्रो, हॉटलों और कारखानों के लिए भी उपयोगी है जहां बड़ी संख्‍या में लोग आते हैं.

इस उपकरण में 360 डिग्री प्रकाश के लिए 254 एनएम वेवलेंथ पर छह लैम्प हैं, जिसमें सभी लैम्प की क्षमता 43 वाट यूवी-सी पावर है. कमरे के भीतर विभिन्न स्थानों पर उपकरण लगाकर लगभग 12x12 फुट आकार के एक कमरे को लगभग 10 मिनट और 400 वर्ग फुट के कमरे को 30 मिनट में कीटाणुमुक्त किया जा सकता है. हांलाकि अचानक कमरा खुलने या मानवीय दखल पर यह सैनिटाइजर बंद हो जाता है. उत्पाद की एक अन्य विशेषता उसका हाथ से होने वाला परिचालन है.

बता दें कि कोविड19 से लड़ाई में डीआरडीओ पीपीई किट से लेकर स्वास्थ्य कर्मियों कई सुरक्षात्मक किट भी बना रही है. इसके अलावा हाल ही में डीआरडीओ से संबद्ध डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी ने कोविड-19 को विघटित करने के लिए 'अतुल्य' नामक एक माइक्रोवेव स्टरलाइजर का विकास किया है. यह उपकरण 56 डिग्री से 60 डिग्री सेल्सियस तापमान पर कोरोना वायरस को खत्म कर सकता है.

डीआरडीओ ने बताया कि यह उत्पाद एक किफायती सॉल्यूशन है जिसे एक जगह पर फिक्स भी किया जा सकता है. इस सिस्टम का मानव/प्रचालक सुरक्षा के लिए परीक्षण किया और इसे सुरक्षित पाया गया. भिन्न-भिन्न वस्तुओं के आकार और ढांचे के अनुसार, स्टरलाइजेशन का समय 30 सेकेंड से एक मिनट तक रहता है. सिस्टम का वजन लगभग तीन किलोग्राम है और इसका उपयोग केवल गैर-धातु वस्तुओं के लिए किया जा सकता है.

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