दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) में 31,000 करोड़ रुपये का कथित घोटाला का दावा किए जाने की मीडिया रिपोर्ट्स सामने आने के बाद कंपनी के शेयर 11 फीसदी तक लुढ़क गए. इसे देश का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला करार देते हुए 'कोबरापोस्ट' ने मंगलवार को एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि डीएचएफएल ने शेल कंपनियों के एक नेटवर्क के जरिए निजी संपत्ति बनाने के लिए प्रमोटर कंपनियों में 31,000 करोड़ रुपये डाले.
#Housing finance company #DHFL rejected allegations of siphoning off Rs 31,000 cr of public money as "mischievous misadventure" done with mala fide intent and said it had met all its obligations to the lenders and paid them back over Rs 17,000 cr in the last three months. pic.twitter.com/D6dhnls4Pd
— IANS Tweets (@ians_india) January 29, 2019
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि डीएचएफएल कंपनी के प्रमोटर्स ने इस राशि से निजी संपत्ति अर्जित की. डीएचएफएल ने पहले शेल कंपनियों को कर्ज दिया और फिर यह राशि वापस फाइनेंस कंपनी के प्रमोटर्स के पास आ गए. दरअसल, डीएचएफएल के प्रमोटर्स ही इन फर्जी कंपनियों के मालिकों में से हैं. इस तरह कंपनी ने 31,000 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया. यह भी पढ़ें- पत्नी चुनाव हार गई तो पति घर-घर जाकर वोटरों से वापस मांग रहा बांटे गए रुपये
रिपोर्ट सामने आने के बाद होम लोन सेक्टर की गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) डीएचएफएल ने कोबरापोस्ट द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें बेबुनियाद बताया. कंपनी ने एक बयान में दावा किया कि उसने नियामक निकायों द्वारा निर्धारित सख्त मानदंडों का पालन किया है और पिछले तीन महीनों में शेयरधारकों को 17,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है.