Dengue: दिमाग और नर्वस सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है डेंगू; बेहद खतरनाक है यह स्थिति

बरसात आते ही डेंगू (Dengue) के मामले तेजी में बढ़ने लगते हैं. डेंगू की वजह से तेज बुखार आता है और प्लेटलेट काउंट कम होने लगता है. डेंगू का सही वक्त पर इलाज न कराया जाए, तो इससे मौत भी हो सकती है.

देश Vandana Semwal|
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Dengue: दिमाग और नर्वस सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है डेंगू; बेहद खतरनाक है यह स्थिति

बरसात आते ही डेंगू (Dengue) के मामले तेजी में बढ़ने लगते हैं. डेंगू की वजह से तेज बुखार आता है और प्लेटलेट काउंट कम होने लगता है. डेंगू का सही वक्त पर इलाज न कराया जाए, तो इससे मौत भी हो सकती है.

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Dengue: दिमाग और नर्वस सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है डेंगू; बेहद खतरनाक है यह स्थिति
Representational Image | Pixabay

बरसात आते ही डेंगू (Dengue) के मामले तेजी में बढ़ने लगते हैं. डेंगू की वजह से तेज बुखार आता है और प्लेटलेट काउंट कम होने लगता है. डेंगू का सही वक्त पर इलाज न कराया जाए, तो इससे मौत भी हो सकती है. आपको जानकार हैरानी होगी कि डेंगू में सिर्फ शरीर के प्लेटलेट्स ही नहीं गिरने लगते हैं बल्कि इसका दिमाग पर भी बुरा असर होता है. डेंगू में तेज बुखार और शरीर में दर्द ही नहीं, बल्कि दिमाग को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. यह डेंगू इंसेफेलाइटिस नामक एक जटिल स्थिति पैदा कर सकता है, जिसमें मस्तिष्क में सूजन और जलन हो जाती है. Zika Virus: पैर पसार रहा है जीका वायरस; गर्भवती महिलाओं और भ्रूण को ज्यादा खतरा, जानें लक्षण और बचाव का तरीका.

डेंगू इंसेफेलाइटिस के लक्षण आमतौर पर बुखार शुरू होने के 4 से 10 दिनों के अंदर दिखाई देते हैं. यह स्थिति खतरनाक हो सकती है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जिनमें मानसिक भ्रम, दौरे.

कोमा और मृत्यु शामिल हैं.

डेंगू इंसेफेलाइटिस के लक्षण

  • तेज सिरदर्द
  • उल्टी
  • मतली
  • गर्दन में अकड़न
  • बोलने में कठिनाई
  • दौरे
  • चेतना में कमी

डेंगू इंसेफेलाइटिस है बेहद खतरनाक

डेंगू का असर हमारे शरीर के न्यूरोलॉजिकल सिस्टम पर पड़ता है. डेंगू के लक्षण कई तरह से दिखते हैं. लेकिन हजारों में से किसी एक व्यक्ति में ब्रेन से संबंधित लक्षण दिखाई देते हैं. इसमें डेंगू का वायरस ब्रेन तक पहुंच जाता है. जिसके कारण सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़े शरीर पर कई लक्षण दिखाई देते हैं. डेंगू इंसेफेलाइटिस में वायरस ब्लड के जरिए दिमाग तक पहुंच जाती है. जिससे यह दिमाग के अंदर सूजन और रीढ़ की हड्डी में सूजन कर इंफेक्शन पैदा करती है.

डेंगू इंसेफेलाइटिस के कारण शॉक सिंड्रोम की स्थिति शुरू होती है. यह बीमारी इंसान के दिमाग पर बहुत बुरा असर डालती है. इसके कारण इंसान के मानसिक स्थिति में कई तरह के बदलाव होते हैं. व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है.

गंभीर मामलों में, डेंगू से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (प्लेटलेट काउंट कम होना) हो सकता है, जिससे मस्तिष्क में रक्तस्राव (रक्तस्राव) का खतरा बढ़ जाता है.

डेंगू इंसेफेलाइटिस का क्या है इलाज

डेंगू इंसेफेलाइटिस का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है. मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती और उन्हें मस्तिष्क की सूजन को कम करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं. सही देखभाल, तरल पदार्थ और दवाएं, रोगी के ठीक होने में मदद कर सकती हैं.

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बरसात आते ही डेंगू (Dengue) के मामले तेजी में बढ़ने लगते हैं. डेंगू की वजह से तेज बुखार आता है और प्लेटलेट काउंट कम होने लगता है. डेंगू का सही वक्त पर इलाज न कराया जाए, तो इससे मौत भी हो सकती है. आपको जानकार हैरानी होगी कि डेंगू में सिर्फ शरीर के प्लेटलेट्स ही नहीं गिरने लगते हैं बल्कि इसका दिमाग पर भी बुरा असर होता है. डेंगू में तेज बुखार और शरीर में दर्द ही नहीं, बल्कि दिमाग को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. यह डेंगू इंसेफेलाइटिस नामक एक जटिल स्थिति पैदा कर सकता है, जिसमें मस्तिष्क में सूजन और जलन हो जाती है. Zika Virus: पैर पसार रहा है जीका वायरस; गर्भवती महिलाओं और भ्रूण को ज्यादा खतरा, जानें लक्षण और बचाव का तरीका.

डेंगू इंसेफेलाइटिस के लक्षण आमतौर पर बुखार शुरू होने के 4 से 10 दिनों के अंदर दिखाई देते हैं. यह स्थिति खतरनाक हो सकती है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जिनमें मानसिक भ्रम, दौरे.

कोमा और मृत्यु शामिल हैं.

डेंगू इंसेफेलाइटिस के लक्षण

  • तेज सिरदर्द
  • उल्टी
  • मतली
  • गर्दन में अकड़न
  • बोलने में कठिनाई
  • दौरे
  • चेतना में कमी

डेंगू इंसेफेलाइटिस है बेहद खतरनाक

डेंगू का असर हमारे शरीर के न्यूरोलॉजिकल सिस्टम पर पड़ता है. डेंगू के लक्षण कई तरह से दिखते हैं. लेकिन हजारों में से किसी एक व्यक्ति में ब्रेन से संबंधित लक्षण दिखाई देते हैं. इसमें डेंगू का वायरस ब्रेन तक पहुंच जाता है. जिसके कारण सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़े शरीर पर कई लक्षण दिखाई देते हैं. डेंगू इंसेफेलाइटिस में वायरस ब्लड के जरिए दिमाग तक पहुंच जाती है. जिससे यह दिमाग के अंदर सूजन और रीढ़ की हड्डी में सूजन कर इंफेक्शन पैदा करती है.

डेंगू इंसेफेलाइटिस के कारण शॉक सिंड्रोम की स्थिति शुरू होती है. यह बीमारी इंसान के दिमाग पर बहुत बुरा असर डालती है. इसके कारण इंसान के मानसिक स्थिति में कई तरह के बदलाव होते हैं. व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है.

गंभीर मामलों में, डेंगू से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (प्लेटलेट काउंट कम होना) हो सकता है, जिससे मस्तिष्क में रक्तस्राव (रक्तस्राव) का खतरा बढ़ जाता है.

डेंगू इंसेफेलाइटिस का क्या है इलाज

डेंगू इंसेफेलाइटिस का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है. मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती और उन्हें मस्तिष्क की सूजन को कम करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं. सही देखभाल, तरल पदार्थ और दवाएं, रोगी के ठीक होने में मदद कर सकती हैं.

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