
यूएई प्रशासन ने 28 फरवरी को उनकी फांसी की प्रक्रिया पूरी कर भारतीय दूतावास को सूचित किया. इसके बाद दूतावास ने उनके परिवारों को इस बारे में जानकारी दी.
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भारतीय विदेश मंत्रालय ने जताई संवेदना
भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) के मुताबिक, यूएई में भारतीय मिशन ने दोषियों को हरसंभव कानूनी और राजनयिक सहायता प्रदान की थी. माफी की याचिकाएं और दया याचिकाएं भी दायर की गईं, लेकिन यूएई की सर्वोच्च अदालत ने मृत्युदंड की सजा को बरकरार रखा. दूतावास अब दोनों व्यक्तियों के अंतिम संस्कार में उनके परिवारों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है.
अबू धाबी में भारतीय महिला को फांसी
गौरतलब है कि यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब हाल ही में, 15 फरवरी को एक भारतीय महिला को अबू धाबी में फांसी दी गई थी. महिला पर एक शिशु की हत्या का आरोप था.
यह घटना प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए एक बड़ा झटका है और भारतीय दूतावास लगातार ऐसी घटनाओं में कानूनी मदद देने की कोशिश कर रहा है.