Close
Search

केजरीवाल सरकार ने पराली का सस्ता और आसान समाधान दिया, बायो डी-कंपोजर केमिकल के छिड़काव से पराली खाद में बदल रही है

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट को भी बताएंगे कि पराली के समाधान के लिए बायो डी-कंपोजर केमिकल का छिड़काव बहुत ही प्रभावशाली है. वहीं, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पड़ोसी राज्यों ने पराली के समाधान को लेकर कदम उठाया होता, तो आज दिल्ली के लोगों को कोरोना काल में प्रदूषण का जहर नहीं पीना पड़ता.

देश Team Latestly|
केजरीवाल सरकार ने पराली का सस्ता और आसान समाधान दिया, बायो डी-कंपोजर केमिकल के छिड़काव से पराली खाद में बदल रही है
प्रदूषण से निपटने में जुटी दिल्ली सरकार (Photo Credits: Delhi Govt)

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने आज पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ हिरनकी गांव का दौरा कर बायो डी-कंपोजर केमिकल के छिड़काव का पराली पर पड़ने वाले प्रभावों का जायजा लिया. सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि दिल्ली ने पराली का बहुत ही सस्ता और आसान सामधान दे दिया है. पड़ोसी राज्यों ने पराली के समाधान के लिए कुछ नहीं किया, इसलिए किसान मजबूर होकर पराली जलाते हैं. पूसा इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किए गए बायो डी-कंपोजर केमिकल के छिड़काव से पराली खाद में बदल रही है. अभी तक सरकारें पराली के समाधान पर बहानेबाजी कर रही थीं, लेकिन अब इनके पास कोई बहाना नहीं बचा है.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट को भी बताएंगे कि पराली के समाधान के लिए बायो डी-कंपोजर केमिकल का छिड़काव बहुत ही प्रभावशाली है. वहीं, पर्याव

Close
Search

केजरीवाल सरकार ने पराली का सस्ता और आसान समाधान दिया, बायो डी-कंपोजर केमिकल के छिड़काव से पराली खाद में बदल रही है

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट को भी बताएंगे कि पराली के समाधान के लिए बायो डी-कंपोजर केमिकल का छिड़काव बहुत ही प्रभावशाली है. वहीं, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पड़ोसी राज्यों ने पराली के समाधान को लेकर कदम उठाया होता, तो आज दिल्ली के लोगों को कोरोना काल में प्रदूषण का जहर नहीं पीना पड़ता.

देश Team Latestly|
केजरीवाल सरकार ने पराली का सस्ता और आसान समाधान दिया, बायो डी-कंपोजर केमिकल के छिड़काव से पराली खाद में बदल रही है
प्रदूषण से निपटने में जुटी दिल्ली सरकार (Photo Credits: Delhi Govt)

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने आज पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ हिरनकी गांव का दौरा कर बायो डी-कंपोजर केमिकल के छिड़काव का पराली पर पड़ने वाले प्रभावों का जायजा लिया. सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि दिल्ली ने पराली का बहुत ही सस्ता और आसान सामधान दे दिया है. पड़ोसी राज्यों ने पराली के समाधान के लिए कुछ नहीं किया, इसलिए किसान मजबूर होकर पराली जलाते हैं. पूसा इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किए गए बायो डी-कंपोजर केमिकल के छिड़काव से पराली खाद में बदल रही है. अभी तक सरकारें पराली के समाधान पर बहानेबाजी कर रही थीं, लेकिन अब इनके पास कोई बहाना नहीं बचा है.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट को भी बताएंगे कि पराली के समाधान के लिए बायो डी-कंपोजर केमिकल का छिड़काव बहुत ही प्रभावशाली है. वहीं, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने कहा कि पड़ोसी राज्यों ने पराली के समाधान को लेकर कदम उठाया होता, तो आज दिल्ली के लोगों को कोरोना काल में प्रदूषण का जहर नहीं पीना पड़ता. दिल्ली के प्रदूषण में करीब 40 प्रतिशत योगदान पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में जलाई जाने वाली पराली का है. Delhi: डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बच्चों और टीचर्स के साथ कोडिंग प्रोग्राम की समीक्षा की, कहा- हमारा सपना है कि स्टूडेंट्स गूगल जैसी कंपनियां बनाएं.

पड़ोसी राज्यों ने पराली के समाधान के लिए कुछ नहीं किया: सीएम अरविंद केजरीवाल

हिरनकी गांव में बायो डी-कंपोजर प्रक्रिया का निरीक्षण करने के दौरान मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हर साल पराली जलने की वजह से जो धुंआ उठता है, उससे प्रदूषण बढ़ता है. मीडिया की रिपोर्ट और सेटेलाइट की फोटो से पता चलता है कि आसपास के राज्यों में, खासकर पंजाब में काफी मात्रा में पराली जलने की घटनाएं हो रही हैं. एक तरफ, किसान खुद भी बहुत दुखी है. जब किसान पराली जलाता है, उसको खुद भी काफी प्रदूषण बर्दाश्त करना पड़ता है और उस पूरे गांव को बहुत ज्यादा प्रदूषण बर्दाश्त करना पड़ता है.

आसपास के राज्यों की सरकारों ने उन किसानों के लिए कुछ भी नहीं किया. इसलिए किसानों को पराली जलाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. पड़ोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली का सारा धुंआ पूरे उत्तर भारत में फैल जाता है. इस दिशा में दिल्ली सरकार ने पूसा इंस्टीट्यूट के साथ मिल कर इस बार एक अहम कदम उठाया है. दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सारे खेतों के अंदर पूसा इंस्टीट्यूट ने जो बायो डी-कंपोजर केमिकल बनाया है, उसका छिड़काव किया.

हम लोगों ने किसानों के खेतों में केमिकल का छिड़का बीते 13 अक्टूबर को किया था और आज 4 नवंबर है. आज यहां पर हम देख रहे हैं कि खेत में पूरा पराली गल चुकी है और पूरी तरह से खाद में बदल चुकी है. अब किसान अपने खेत में बुवाई का काम कर सकते हैं.

दिल्ली ने पराली का समाधान दे दिया है: सीएम अरविंद केजरीवाल

सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने पहली बार पूसा इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर पराली का एक समाधान दिया है. अभी तक कहा जा रहा था कि क्या करें? पराली का समाधान नहीं हो सकता है. लेकिन पूसा इंस्टीट्यूटी द्वारा तैयार किया गया बायो डी-कंपोजर  केमिकल से पराली का समाधान संभव है और यह समाधान काफी सस्ता है और इतना अच्छा समाधान है कि इस केमिकल के इस्तेमाल से पराली खेत में गल कर अब खाद में बदल रही है. मैं उम्मीद करता हूं कि यह आखरी साल होगा, जब हम पराली की वजह से प्रदूषण बर्दाश्त कर रहे हैं.

अब किसानों को परेशान करने का किसी सरकार के पास कोई बहाना नहीं है. किसान पराली की वजह से बहुत दुखी हो चुके हैं, वो पराली नहीं जलाना चाहते हैं. मेरी पंजाब और हरियाणा के बहुत किसानों से बात हुई है, वो पराली नहीं जलाना चाहते हैं. अब हमें पराली का समाधान मिल गया है. हम सुप्रीम कोर्ट को भी बताएंगे कि यह समाधान बहुत ही प्रभावशाली है. आज यहां पर किसान भी खड़े थे, केमिकल के छिड़काव से पराली को खाद में बदलते देख कर किसान भी बहुत खुश हैं. पूसा इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने भी कहा है कि वे बायो डी-कंपोजर केमिकल के परिणाम से बहुत ही संतुष्ट हैं. इसलिए अब पराली का समाधान है.

अब सभी सरकारों को दिल्ली की तरह ही पराली का समाधान करना चाहिए. पराली का समाधान करने की अब सरकारों की जिम्मेदारी है, अब कोई सरकार यह बहाना नहीं बना सकती है कि हमारे पास समाधान नहीं है. यह समाधान इतना सस्ता है कि दिल्ली के अंदर केवल 20 लाख रुपए की लागत से ही पूरे दिल्ली में बाॅडो डीकंपोजर केमिकल का छिड़काव हो गया है, यह लागत ज्यादा नहीं है.

पड़ोसी राज्यों ने पराली के समाधान के लिए कदम उठाया होता, दिल्ली को प्रदूषण का जहर नहीं पीना पड़ता: गोपाल राय

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री श्री गोपाल राय ने बताया कि आज दिल्ली के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूसा के वैज्ञानिकों ने हिरनकी गांव का निरीक्षण किया, जहां खेतों में बायो डीकंपोजर का छिड़काव सबसे पहले किया गया था. श्री गोपाल राय ने बताया कि पराली गल गई है और वह खाद के रूप में परिवर्तित हो गई है. उन्होंने कहा कि यह बायो डी-कंपोजर पराली की समस्या से निपटने में एक क्रांतिकारी कदम है.

अगर केन्द्र सरकार और हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने समय पर दिल्ली सरकार की तरह पराली से निपटने को लेकर कदम उठाया होता और लापरवाही नहीं बरती होतीं तो दिल्ली के लोगों को इस करोना काल में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का जहर नहीं पीना पड़ता, क्योंकि दिल्ली के प्रदूषण में लगभग 40 प्रतिशत योगदान पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में जलाई जाने वाली पराली का ही है. उन्होंने आगे कहा कि जब दिल्ली सरकार केन्द्रीकृत व्यवस्था करके, बायो डीकंपोजर का दिल्ली के खेतों में निःशुल्क छिड़काव करवा सकती है, तो केन्द्र सरकार और संबंधित राज्यों की सरकारें क्यों नहीं कर सकतीं हैं.

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि जिस आयोग का गठन केन्द्र सरकार ने किया है, उसका पहला कार्य यह होना चाहिए कि पराली से निपटने के लिए बायो डीकंपोजर का संबंधित राज्यों में छिड़काव की प्रभावशाली नीति बनाए और उसे कार्यान्वित करे.

शहर पेट्रोल डीज़ल
New Delhi 96.72 89.62
Kolkata 106.03 92.76
Mumbai 106.31 94.27
Chennai 102.74 94.33
View all
Currency Price Change
शहर पेट्रोल डीज़ल
New Delhi 96.72 89.62
Kolkata 106.03 92.76
Mumbai 106.31 94.27
Chennai 102.74 94.33
View all
Currency Price Change
Google News Telegram Bot
Close
gamingly
Close
gamingly