नई दिल्ली:- कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी है. कृषि कानून के खिलाफ अपनी मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान दिल्ली आने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन को देखते हुए सिंघू बॉर्डर (हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर) पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान रोहतक से दिल्ली की तरफ आ रहे हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एक प्रदर्शनकारी किसान ने बताया, पुलिस ने हमें पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोलों से रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन हमने इसकी परवाह नहीं की और हम दिल्ली की ओर आगे बढ़ रहे हैं. इससे पहले किसानों पानीपत टोल प्लाज़ा पर किसानों ने डेरा लगाया हुआ था.
बता दें कि प्रदर्शनकारियों के साथ आ रहे ट्रैक्टरों को रोकने के लिए सिंघू सीमा पर बालू से लदे पांच ट्रक और तीन वाटर कैनन की गाड़ियों को तैनात किया गया है. कानून-व्यवस्था पर नजर रखने के लिए ड्रोन भी तैनात किए गए हैं. सिंघू सीमा पर सबसे आगे की ओर लगाए गए अवरोधकों के साथ कांटेदार तार का बाड़ बनाया गया है ताकि प्रदर्शनकारी अवरोधक पार ना कर सकें. दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने एनएच-24, चिल्ला सीमा, टिगरी सीमा, बहादुरगढ़ सीमा, फरीदाबाद सीमा, कालिंदी कुंज सीमा और सिंघू सीमा पर पुलिस बल तैनात किया है. Farmers Protest: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- 3 दिसंबर को किसानों से करेंगे बातचीत, सरकार चर्चा के लिए पूरी तरह से तैयार.
देखें VIDEO:-
#WATCH Police use tear gas shells to disperse protesting farmers at Singhu border (Haryana-Delhi border).
Farmers are headed to Delhi as part of their protest march against Centre's Farm laws. pic.twitter.com/Z0yzjX85J5
— ANI (@ANI) November 27, 2020
बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात:-
Heavy presence of security personnel at Singhu border (Haryana-Delhi border), in the wake of farmers' 'Delhi Chalo' protest march. pic.twitter.com/94dK5oYyLA
— ANI (@ANI) November 27, 2020
हालांकि गुरुवार को भी पुलिस ने किसानों को रोकने का अथक प्रयास किया था. लेकिन किसानों पर इससे अधिक प्रभाव नहीं पड़ा. किसानों ने धमकी दी है कि यदि अधिकारियों ने उन्हें मार्च के दौरान रोकने की कोशिश की तो वे दिल्ली तक सभी सड़कों को अवरुद्ध कर देंगे. वहीं किसानों पर वाटर कैनन के प्रयोग पर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गया है. कांग्रेस समेत अन्य दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.