चंडीगढ़, 26 नवंबर: केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा बनाए गए तीन नए कृषि सम्बंधित कानूनों को लेकर हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के किसान लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने गुरुवार यानि आज ANI न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि, 'नए कानून बनाना समय की आवश्यकता थी. पंजाब में हमारे किसान भाई-बहनों को कुछ भ्रम है, हमने भ्रम दूर करने के लिए सचिव स्तर पर वार्ता की. मैंने 3 दिसंबर को सभी किसान यूनियन को पुन: बैठक के लिए अनुरोध किया है, सरकार चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है.'
बता दें कि विरोध-प्रदर्शन कर रहे पंजाब (Punjab) के किसानों को गुरुवार यानि आज सुबह दिल्ली-हरियाणा (Delhi-Haryana) सीमा पर एकत्र होने के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही कई स्थानों पर बैरिकेड लगाए हैं. पुलिस का कहना है कि दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान समूहों के अनुरोधों को उन्होंने अस्वीकार कर दिया है.
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हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर दिल्ली पुलिस को राजधानी में प्रवेश करने वाले वाहनों की जांच करते हुए देखा गया और अपने ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों में बड़ी संख्या में दिल्ली की ओर मार्च कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए सीमेंटेड बैरिकेड और रेत के ट्रक लगाए गए.
I want to appeal to our farmer brothers to not agitate. We're ready to talk about issues and resolve differences. I'm sure that our dialogue will have a positive result: Narendra Singh Tomar, Union Agriculture Minister https://t.co/PNXV8efRTd
— ANI (@ANI) November 26, 2020
हरियाणा पुलिस ने किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के हिस्से के रूप में उन्हें राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंचने से रोकने के लिए राजमार्गों पर रोड बैरिकेड्स और डायवर्जन स्थापित किए हैं, हालांकि किसानों पर इससे अधिक प्रभाव नहीं पड़ा.
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किसानों ने धमकी दी है कि यदि अधिकारियों ने उन्हें मार्च के दौरान रोकने की कोशिश की तो वे दिल्ली तक सभी सड़कों को अवरुद्ध कर देंगे. केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा एक नियोजित विरोध मार्च के मद्देनजर कुछ क्षेत्रों में दिल्ली मेट्रो सेवाएं दोपहर 2 बजे तक के लिए बंद कर दी गई हैं.