मंगल से पत्थर, मिट्टी वापस लाने के लिए सस्ते विकल्प की तलाश में नासा
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

नासा के परसिवरेंस रोवर द्वारा मंगल ग्रह पर इकठ्ठा किए गए पत्थर और मिट्टी को धरती पर लाने का खर्च 11 अरब डॉलर हो गया है. नासा इस खर्च को कम करने के लिए दूसरे सस्ते तरीके तलाश रही है.नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने हाल ही में बताया कि इस काम के बढ़ते खर्च और संभावित देरी को देखते हुए उन्होंने कुछ महीनों पहले ही सैंपलों को वापस लाने की मूल योजना को बंद कर दिया था.

उस योजना के तहत खर्च तो बढ़ ही रहा था, यह भी पता लगा था कि 2040 से पहले कुछ भी धरती पर नहीं आ पाएगा. रोवर ने सैंपल सिगार के आकार की टाइटेनियम ट्यूबों में इकठ्ठा किए हैं. नेल्सन ने कहा, "हम चाहते हैं कि 30 टाइटेनियम ट्यूब सबसे कम खर्च में जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी आ जाएं."

बच सकते हैं चार-पांच अरब डॉलर

नासा ने पिछले साल निजी अंतरिक्ष कंपनियों और अन्य लोगों से कहा था कि वो यह सुनिश्चित करने के लिए बेहतर विकल्प सुझाएं कि सैंपल 2030 के दशक में ही आ जाएं. यह अंतरिक्ष यात्रियों के मंगल पर जाने की संभावित तिथि से काफी पहले होगा.

एजेंसी ने बताया कि वह दो विकल्पों पर विचार कर रही है जिनकी लागत छह से सात अरब डॉलर के बीच आएगी. इनमें एक ऐसा विकल्प भी है जिसमें व्यावसायिक साझेदारों के नए डिजाइन शामिल हैं.

मंगल पर पानी के नए सबूत

अंतरिक्ष यानों और उनके लॉन्च की संख्या पहले जैसी ही रहेगी, लेकिन नासा ने बताया कि प्रस्तावित विकल्पों से मिशन सरल और कारगर हो जाएगा. अंतिम फैसला अगले साल इंजीनियरिंग अध्ययन के जरिये विकल्प की विस्तृत जानकारी की समीक्षा करने के बाद लिया जाएगा.

पारंपरिक विकल्प में लैंडिंग के उसी तरीके का इस्तेमाल किया जाएगा जिसके तहत परसिवरेंस और क्यूरियॉसिटी रोवर को मंगल की सतह पर उतारा गया था. इसमें रॉकेट द्वारा चालित एक प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है जिसे स्काई क्रेन कहा जाता है.

दूसरा विकल्प है निजी कंपनियों द्वारा बनाए एक लैंडिंग सिस्टम का इस्तेमाल करना. इस विकल्प के बारे में अभी विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है.

क्या चाहते हैं वैज्ञानिक

2021 में लैंड करने के बाद परसिवरेंस ने दो दर्जन से भी ज्यादा सैंपल इकट्ठे कर किए हैं. नासा उच्च प्राथमिकता के साथ प्राचीन, माइक्रोस्कोपिक जीवन के संकेतों की तलाश कर रहा है और इस वजह से आने वाले दिनों में और भी सैंपल इकठ्ठा किए जा सकते हैं.

वैज्ञानिक मंगल के सूखे हुए नदी के दहानों के सैंपलों का धरती पर प्रयोगशालाओं में विश्लेषण करना चाहते हैं. नासा के अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि दोनों विकल्पों से चीजें सरल हो जाएंगी.

मंगल पर अगर इंसान बस गए तो क्या खाएंगे

ट्यूबों को वापस आने वाले यान की जगह मंगल की सतह पर ही साफ कर लिया जाएगा और मंगल की धूल भरी आंधियों को सहने के लिए सौर ऊर्जा की जगह परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाएगा.

नेल्सन ने कहा कि आनेवाला प्रशासन यह फैसला लेगा कि मंगल के सैंपलों को लाने का सबसे अच्छा तरीका क्या होगा और उसे हासिल करने के लिए अब धन देने की शुरुआत करने की भी जरूरत होगी.

नेल्सन के कार्यकाल के आखिरी कुछ दिन बचे हैं. दो सप्ताह बाद जब नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पद संभालेंगे तब नेल्सन को भी अपना पद छोड़ना पड़ेगा. ट्रंप ने उनकी जगह टेक अरबपति जैरेड आइजकमान को मनोनीत किया है, जो अपने खर्च पर दो बार अंतरिक्ष में जा चुके हैं.

नेल्सन ने कहा, "हम उन्हें सबसे अच्छा संभावित विकल्प देना चाहते हैं ताकि वो यहां से काम को आगे बढ़ा सकें."

सीके/वीके (एपी)