अमेरिका, चीन और दुनिया के अन्य हिस्सों में तेजी से कंपनियां उड़ने वाली कारों को बेहतर बनाने में लगी हैं. इन कंपनियों का कहना है कि उड़ने वाली कारें अब ज्यादा दूर नहीं हैं.1980 के दशक में, जब जोबेन बिवर्ट स्कूल और पहाड़ों में बने अपने घर के बीच लंबी और थकाऊ यात्राएं करते थे, तब उनके दिमाग में उड़ने वाली कारों का ख्याल आया. वो ऐसी कारें चाहते थे, जो मिनटों में उन्हें मंजिल तक पहुंचा सकें.
आज, जोबेन बिवर्ट जॉबी एविएशन के सीईओ हैं. उनकी कंपनी और दूसरी कई तकनीकी कंपनियां बिजली से चलने वाली एयर टैक्सियों को असलियत में बदलने की कोशिश कर रही हैं.
इन एयर टैक्सियों को "इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग व्हीकल” (ईवीटीओएल) कहा जाता है. ये हेलीकॉप्टर की तरह ऊपर उठती हैं और फिर 322 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ती हैं. इनकी रेंज करीब 161 किलोमीटर है. खास बात ये है कि ये गाड़ियों और हेलीकॉप्टर की तरह शोर और प्रदूषण नहीं करतीं.
बिवर्ट का सपना
जोबेन बिवर्ट ने बताया, "हम अब मंजिल के करीब हैं. जो यात्राएं अभी एक-से-दो घंटे लेती हैं, उन्हें हम पांच मिनट की बनाना चाहते हैं.” यह बात उन्होंने कैलिफोर्निया के मरीना में जॉबी एयर टैक्सी की टेस्ट फ्लाइट से पहले कही. मरीना, उनके बचपन के पहाड़ी घर से करीब 40 मील दूर है.
अब दुनियाभर में उड़ने वाली कारों के परीक्षण हो रहे हैं. 2022 में पेरिस में एक फ्लाइंग कार का टेस्ट किया गया था. सिलिकॉन वैली की आर्चर एविएशन, जिसे स्टेलैंटिस और यूनाइटेड एयरलाइंस का समर्थन मिला है, अपनी एयर टैक्सियों का टेस्ट कर रही है. पिछले नवंबर में, उनके "मिडनाइट” प्रोटोटाइप को कैलिफोर्निया के खेतों के ऊपर उड़ते देखा गया.
इसी दौड़ में विस्क एयरो भी शामिल है. इसे बोइंग कंपनी और गूगल के सह-संस्थापक लैरी पेज का समर्थन है. जॉबी ने डेल्टा एयरलाइंस के साथ साझेदारी की है, जबकि आर्चर ने यूनाइटेड एरलाइंस के साथ हाथ मिलाया है.
चुनौतियां और उम्मीदें
अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने हाल ही में उड़ने वाली टैक्सियों के लिए एक नई श्रेणी "पावर्ड लिफ्ट” बनाई है. हेलीकॉप्टर के बाद पहली बार किसी नई श्रेणी को मान्यता मिली है. हालांकि, इन कारों को यात्रियों के लिए शुरू करने से पहले और नियामक बाधाएं पार करनी होंगी. ऐसा माना जा रहा है कि ये एयर टैक्सियां सबसे पहले दुबई में इस साल के अंत तक लॉन्च हो सकती हैं. स्लोवाकिया की सरकार ने 2022 में एक उड़न-कार को मंजूरी दी थी.
एल्टन एविएशन कंसल्टेंसी के एडम लिम कहते हैं, "यह एक नई तकनीक है. इसे पूरी तरह विकसित होने में समय लगेगा. हम अभी शुरुआती चरण में हैं. अगले 2-3 सालों में ‘जेट्सन'-जैसे दृश्य देखने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.”
चीन भी इस तकनीक को विकसित करने की कोशिश कर रहा है. यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति-निर्वाचित डॉनल्ड ट्रंप ने इसे अपनी प्राथमिकताओं में रखा है.
आने वाले बदलाव
यदि सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो न्यूयॉर्क और लॉस एंजिल्स जैसे शहरों में हवाई टैक्सियां कुछ ही सालों में लोगों को हवाई अड्डों से शहर के केंद्र तक मिनटों में पहुंचा सकेंगी.
शुरुआत में, इन टैक्सियों का किराया आम टैक्सी या उबर से ज्यादा होगा. लेकिन जैसे-जैसे इनकी संख्या बढ़ेगी, किराया घट सकता है. जॉबी का मानना है कि न्यूयॉर्क के जेएफके एयरपोर्ट से मैनहटन तक का सफर 10 मिनट में पूरा किया जा सकेगा. फिलहाल यह यात्रा करीब 45 मिनट की है.
आर्चर एविएशन के सीईओ एडम गोल्डस्टीन कहते हैं, "शहरों के ऊपर आसमान में हाइवे होंगे. सैकड़ों, हजारों एयरक्राफ्ट उड़ते दिखेंगे, और इससे शहरों का नक्शा ही बदल जाएगा.”
मुनाफे का इंतजार
उड़न-टैक्सी कंपनियों ने पिछले 5 सालों में 13 अरब डॉलर जुटाए हैं. जॉबी एविएशन और आर्चर एविएशन 2021 में सार्वजनिक रूप से शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुईं. हालांकि, दोनों कंपनियां अब तक भारी नुकसान उठा रही हैं. जॉबी ने 1.6 अरब डॉलर और आर्चर ने 1.5 अरब डॉलर का नुकसान झेला है.
लाभ के लिए, दोनों कंपनियां अपने एयर टैक्सियों को अमेरिकी सेना के छोटे मिशनों और डिलीवरी के लिए पेश कर रही हैं. आर्चर ने अंडुरिल इंडस्ट्रीज के साथ साझेदारी की है, जो सैन्य तकनीक में माहिर है.
बिवर्ट कहते हैं, "ईवीटीओएल तकनीक हमारी यात्रा के तरीके को बदल देगी. हवा से दुनिया देखना ट्रैफिक में फंसने से कहीं बेहतर है.”
वीके/सीके (एपी)