नई दिल्ली: रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने शुक्रवार को वियतनाम (Vietnam) में वायु सेना अधिकारी प्रशिक्षण स्कूल (Air Force Officers Training School) में भाषा और आईटी प्रयोगशाला (IT Laboratory) स्थापित करने के लिए 10 लाख डॉलर देने की घोषणा की है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दक्षिण पूर्व एशियाई (Southeast Asian) देश वियतनाम की अपनी तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा के अंतिम दिन 10 जून को वियतनाम के प्रशिक्षण संस्थानों का दौरा किया. राजनाथ सिंह, जो दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए वियतनाम में हैं, ने अपने दिन की शुरूआत न्हा ट्रांग में वायु सेना (Air Force) अधिकारी प्रशिक्षण स्कूल के दौरे के साथ की. पीएम मोदी ने बताया- आयुष्मान भारत योजना से देश के गरीबों को 7 हजार करोड़ रुपये का लाभ हुआ
उन्होंने यहां स्कूल में भाषा और आईटी प्रयोगशाला की स्थापना के लिए भारत सरकार की ओर से दस लाख डॉलर दिए. राजनाथ सिंह ने स्कूल में अधिकारियों को संबोधित करते हुए आशा व्यक्त की कि प्रयोगशाला वियतनाम के वायु रक्षा और वायु सेना कर्मियों की भाषा और आईटी कौशल को तेज करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी.
बाद में राजनाथ सिंह ने न्हा ट्रांग में दूरसंचार विश्वविद्यालय का दौरा किया, जहां भारत सरकार से 50 लाख अमेरिकी डॉलर के अनुदान के साथ एक आर्मी सॉफ्टवेयर पार्क स्थापित किया जा रहा है. सितंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वियतनाम यात्रा के दौरान इस अनुदान की घोषणा की गई थी.
वियतनाम की अपनी यात्रा के दौरान, रक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जनरल फान वान गियांग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और वियतनाम के राष्ट्रपति गुयेन जुआन फुक और प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह से भी मुलाकात की.
इससे पहले 9 जून को राजनाथ सिंह ने हाई फोंग में हांग हा शिपयार्ड की अपनी यात्रा के दौरान वियतनाम को 12 हाई स्पीड गार्ड बोट सौंपी. नावों का निर्माण, वियतनाम को भारत सरकार की 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रक्षा ऋण सहायता के तहत किया गया है.
शुरूआत की पांच नौकाएं भारत में लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) शिपयार्ड में और सात अन्य नौकाएं हांग हा शिपयार्ड में बनाई गई हैं. इस समारोह के दौरान भारत और वियतनाम के वरिष्ठ सैन्य तथा असैन्य अधिकारी भी मौजूद थे. रक्षामंत्री ने वियतनाम को बढे हुए सहयोग के माध्यम से भारत के रक्षा औद्योगिक परिवर्तन का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया.
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में इस परियोजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वल्र्ड' का एक ज्वलंत उदाहरण बताया. उन्होंने कहा कि यह 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वल्र्ड' ²ष्टिकोण और भारतीय रक्षा निर्माण क्षेत्र की पेशेवर उत्कृष्टता का एक शानदार और सुनहरा उदाहरण है.