चक्रवाती तूफान फानी (Cyclone Fani) शुक्रवार सुबह करीब नौ बजे ओडिशा (Odisha) के पुरी (Puri) जिले में पहुंच गया है. पुरी में फानी के टकराने के बाद आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के विशाखापत्नम (Visakhapatnam) में तेज हवाएं चल रही हैं. इसके अलावा ओडिशा के पारादीप (Paradip) में बारिश के साथ तेज हवाएं चल रही हैं. ओडिशा के मुख्य सचिव ए. पी. पधी ने कहा कि अत्यंत प्रचंड च्रकवाती तूफान फानी के यहां टकराने की पूरी प्रक्रिया चार-पांच घंटे की होगी. उधर, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) ने लोगों से अपील की है कि वे इस दौरान घरों के अंदर ही रहें और कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं. तूफान फानी के मद्देनजर भारतीय तटरक्ष बल और नौसेना ने भी राहत इंतजाम में अपने पोत और कर्मियों को तैनात किया है.
क्या है 'फानी' का मतलब?
बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान 'फानी' आखिरकर ओडिशा के पुरी पहुंच चुका है. बता दें कि तूफान 'फानी' का नाम बांग्लादेश के सुझाव पर रखा गया है. 'फानी' का मतलब होता है सांप. इससे पहले साल 2018 में बंगाल की खाड़ी में उठे तूफान को 'तितली' नाम दिया गया था. पाकिस्तान के सुझाव पर यह नाम रखा गया था.
ऐसे होता है तूफानों का नामकरण
भारत में तूफानों को नाम देने की शुरुआत साल 2004 में हुई. भारत की अगुआई में आठ तटीय देशों में इसको लेकर समझौता हुआ. इन देशों में भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, मालदीव, श्रीलंका, ओमान और थाईलैंड शामिल हैं. इन 8 देशों की ओर से सुझाए गए नामों के पहले अक्षर के अनुसार उनका क्रम तय किया जाता है और उसी क्रम के अनुसार चक्रवातों के नाम रखे जाते हैं. यह भी पढ़ें- तूफान 'फानी' मचा सकता है भयंकर तांडव, ओडिशा के 10 हजार गांव और 52 शहरों पर होगा असर, 223 ट्रेनें रद्द
वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन को इन आठ देशों ने तूफानों के नाम की सूची दी हुई है. भारत ने इसमें 'अग्नि', 'बिजली', 'मेघ', 'सागर' और 'आकाश' जैसे नाम दिए हैं तो वहीं, पाकिस्तान ने 'निलोफर', 'बुलबुल' और 'तितली' जैसे नाम दिए हैं. इन्हीं नामों में से वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन तूफान का नाम रखती है. बता दें कि भारत में 10 साल तक एक नाम दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता.