नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus in India) से पीड़ितों की संख्या देश में 2 लाख 26 हजार से पार है. रोजाना पीड़ितों की संख्या में इजाफा हो रहा है. कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन 5.0 (Lockdown 5.0 in India) चल रहा है. हालांकि केंद्र ने इसमें छूट दी है. इसे सरकार ने अनलॉक 1 (Unlock 1) नाम दिया है. लॉकडाउन के समय से अब तक प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) के पलायन का मुद्दा चर्चा में है. इसके साथ ही देश में राजनीति भी खूब हुई है. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने प्रवासी मजदूरों के मुद्दे को लेकर फिर सुनवाई हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्यों को 15 दिनों के भीतर प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सभी राज्यों को यह बातें रिकॉर्ड पर लानी है कि वे कैसे रोजगार और अन्य सहायता मुहैया कराने वाले हैं. इसके साथ ही प्रवासी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा. यह भी पढ़ें-कोरोना संकट: प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- उनसे नहीं वसूला जाना चाहिए बस या ट्रेन का किराया
ANI का ट्वीट-
The court says, "We propose 15 days time so that states can be permitted to effectuate the completion of transport". https://t.co/pYu6U85Z7Q
— ANI (@ANI) June 5, 2020
सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि 'भारतीय रेलवे ने 3 जून तक 4,228 ट्रेनें चलाई हैं. इसके साथ ही अब तक एक करोड़ प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाया गया है. उन्होंने बताया कि सड़क मार्ग से 41 लाख और ट्रेन से 57 लाख प्रवासी मजदूरों को सरकार ने घर पहुंचाया गया है. तुषार मेहता ने आगे यह भी जानकारी दी कि ज्यादातर ट्रेनें यूपी-बिहार के लिए चलाई गई हैं.