जयपुर, 16 जुलाई: राजस्थान (Rajasthan) के कोटा में एक निजी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाई जा रही गुलमोहर नाम की किताब पर विवाद जारी है. दूसरी क्लास के बच्चों को यह किताब पढ़ायी जा रही है. इसमें समुदाय विशेष भाषा के शब्द और नाम शामिल हैं. अभिभावकों का आरोप लगाया कि इस किताब के जरिए पढ़ाई करवाने के चलते अब उनके बच्चे घर में 'अब्बू-अम्मी' कहकर बुलाने लगे हैं और बिरयानी खाने की मांग करते हैं. यह भी पढ़ें: Delhi High Court On Abortion: दिल्ली HC ने 23 सप्ताह के गर्भवती महिला को नहीं दी गर्भपात की इजाजत, कहा- गोद दे सकती हैं बच्चा, गुप्त रहेगी पहचान
एक अभिभावक ने कहा, हमारे बच्चे रूढ़िवादी ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए और पले-बढ़े. जब हमारा सात साल का बच्चा बिरयानी की मांग करता है, तो उसे समझाना मुश्किल हो सकता है. क्योंकि वह वही बोल रहा है, जो उसे स्कूल में पढ़ाया गया है. गुलमोहर नाम की किताब हैदराबाद के एक प्रकाशक द्वारा प्रकाशित की गई है. इसे सीबीएसई बोर्ड द्वारा कक्षा 2 के छात्रों के लिए जारी की गई है.
इस मामले में बजरंग दल और विहिप के नेताओं ने राज्य के शिक्षा विभाग में शिकायत दर्ज कराई है. कुछ अभिभावकों ने आरोप लगाया कि यह किताब स्कूली शिक्षा के इस्लामीकरण का एक प्रयास है. उनका कहना है कि कि यह किताब उनके बच्चों और हिंदू संस्कृति के बीच एक खाई पैदा कर रही है. दरअसल, सीबीएसई द्वारा जारी इस उक्त किताब में 113 पेज हैं और इसकी कीमत 352 रुपये है.