
चारधाम यात्रा 2025 के तहत केदारनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए हेली सेवा टिकटों की बुकिंग में इस बार भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिला. जैसे ही 8 अप्रैल को आईआरसीटीसी ने पोर्टल खोला, महज एक घंटे के भीतर 2 मई से 30 मई तक की सभी टिकटें बुक हो गईं. इस अभूतपूर्व बुकिंग स्पीड ने न केवल श्रद्धालुओं को चौंकाया, बल्कि उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) को भी जांच के लिए मजबूर कर दिया.
टूर ऑपरेटरों की बुकिंग से बढ़ी आम तीर्थयात्रियों की परेशानी
यूकाडा द्वारा की गई जांच में एक हैरान करने वाली बात सामने आई है. कुल 1044 हेली टिकटों में से 1087 टिकट टूर ऑपरेटरों के माध्यम से बुक कराए गए, जबकि केवल 6148 टिकट ही तीर्थयात्रियों ने स्वयं बुक किए. यूकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी दयानंद सरस्वती ने बताया कि बुकिंग शुरू होते ही देशभर से श्रद्धालुओं ने टिकट लेने की कोशिश की, लेकिन टिकट इतनी तेजी से खत्म हो गए कि कई लोगों को निराशा हाथ लगी.
23,176 श्रद्धालुओं ने अब तक करवाई बुकिंग
आईआरसीटीसी पोर्टल से बुकिंग का पूरा डेटा प्राप्त करने के बाद यूकाडा ने उसकी गहन जांच की. कॉल सेंटर के जरिए टिकट बुक कराने वालों से संपर्क किया गया, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि कुछ टूर ऑपरेटरों ने एक साथ बड़ी संख्या में टिकटें कब्जा लीं. इसके चलते आम श्रद्धालुओं को टिकट बुक करना मुश्किल हो गया. अभी तक कुल 1044 हेली टिकटों के माध्यम से 23,176 यात्रियों ने यात्रा के लिए बुकिंग करवाई है, जिनमें से 5 टिकट विदेशों से भी बुक किए गए हैं.
जल्द होंगे नियमों में बदलाव
यूकाडा अधिकारियों ने कहा है कि टूर ऑपरेटरों की इस बढ़ती भूमिका और टिकट कब्जे की प्रवृत्ति की समीक्षा की जा रही है. आवश्यकता पड़ी तो नियमों में बदलाव किया जाएगा, ताकि आम तीर्थयात्रियों को प्राथमिकता दी जा सके.
पारदर्शिता के लिए उठाए जा रहे कदम
राज्य सरकार और पर्यटन विभाग ने भी बुकिंग प्रणाली में पारदर्शिता लाने के संकेत दिए हैं. अधिकारियों का कहना है कि यदि आवश्यक हुआ तो टूर ऑपरेटरों की भूमिका सीमित की जाएगी और बायोमेट्रिक अथवा आधार प्रमाणीकरण जैसी तकनीकें लागू की जाएंगी. इसका उद्देश्य टिकटों की कालाबाजारी पर रोक लगाना और हर श्रद्धालु तक हक की सेवा पहुंचाना है.
क्यों जरूरी है हेली सेवा?
केदारनाथ धाम तक की यात्रा स्वास्थ्य या उम्र संबंधी कारणों से सभी के लिए आसान नहीं होती. ऐसे में हेली सेवा उन लोगों के लिए बड़ी राहत बनती है, जो पैदल यात्रा करने में असमर्थ हैं. लेकिन बीते कुछ वर्षों में टिकटों की कालाबाजारी और टूर ऑपरेटरों की मनमानी व्यवस्था को बिगाड़ रही है.
यूकाडा द्वारा की गई इस सख्त जांच के बाद उम्मीद है कि भविष्य में हेली टिकट बुकिंग प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी और श्रद्धालुओं के अनुकूल बनाया जाएगा. ताकि हर श्रद्धालु को निष्पक्ष रूप से सेवा प्राप्त हो और चारधाम यात्रा का आध्यात्मिक अनुभव बिना किसी परेशानी के पूरा किया जा सके.