गृह मंत्रालय ने बीएसएफ के महानिदेशक (DG) नितिन अग्रवाल और बीएसएफ के विशेष DG वाई.बी. खुरानिया को उनके पद से हटा दिया है. नितिन अग्रवाल, 1989 बैच के केरल कैडर के अधिकारी, को उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया गया है, जबकि वाई.बी. खुरानिया, 1990 बैच के ओडिशा कैडर के अधिकारी, को ओडिशा वापस भेज दिया गया है. गृह मंत्रालय ने इस कदम को "असमय प्रतिनियुक्ति" कहा है.
जम्मू और कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ
माना जा रहा है कि पिछले एक साल से जम्मू और कश्मीर में आतंकियों की लगातार घुसपैठ के कारण यह कदम उठाया गया है. यह भारत सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ के मामले में सबसे बड़ा प्रशासनिक कदम है. बीएसएफ के वरिष्ठतम अधिकारियों पर इसका असर पड़ा है. इसके अलावा, पंजाब सेक्टर से लगातार हो रही आतंकियों की घुसपैठ को नियंत्रित करने में असमर्थता भी इस कार्रवाई का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है.
वर्षों बाद पहली बार हुई ऐसी कार्रवाई
यह पिछले कई वर्षों में पहली बार है जब किसी अर्धसैनिक बल के दो वरिष्ठतम अधिकारियों को इस प्रकार से हटाया गया है. नितिन अग्रवाल ने पिछले साल जून में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुख का पदभार संभाला था, जबकि खुरानिया पाकिस्तान सीमा पर विशेष महानिदेशक (पश्चिम) के रूप में बल की कमान संभाल रहे थे.
नए अधिकारियों की नियुक्ति
कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) द्वारा जारी अलग-अलग आदेशों में कहा गया है कि इन्हें "असमय" और "तत्काल प्रभाव" से वापस भेजा जा रहा है. बता दें कि बीएसएफ, जिसमें लगभग 2.65 लाख कर्मी हैं, पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में बांग्लादेश के साथ भारतीय सीमाओं की रक्षा करती है. नए अधिकारियों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी.
यह कार्रवाई दर्शाती है कि सरकार आतंकियों की घुसपैठ को लेकर कितनी गंभीर है और सुरक्षा में किसी भी प्रकार की कमी को बर्दाश्त नहीं करेगी.