पटना: पटना हाई कोर्ट ने जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने बिहार में नीतीश सरकार द्वारा जाति सर्वेक्षण कराने को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब बिहार में जातीय सर्वेक्षण चलता रहेगा. नीतीश सरकार के जातिगत जनगणना कराने के फैसले के खिलाफ पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) में 6 याचिकाएं दाखिल की गई थीं. इन याचिकाओं में जातिगत जनगणना पर रोक लगाने की मांग की गई थी. सुनवाई में हाई कोर्ट में राज्य सरकार की तरफ से कहा गया था कि सरकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए सभी अपनी जाति बताते हैं. Eye Flu Case: बिहार में 'आई फ्लू' का कहर, तेजी से बढ़ी मरीजों की संख्या.
याचिकाकर्ताओं ने जातिगत जनगणना रोकने की अपील की थी जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. पटना हाई कोर्ट ने जातीय सर्वेक्षण कराने की मंजूरी दे दी है. जल्दी ही बिहार सरकार फिर से जातीय जन-जनगणना शुरू करवाएगी. हालांकि कोर्ट के इस फैसले से याचिकाकर्ता नाखुश हैं. उनका कहना है कि अब वह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
जातीय जनगणना को चुनौती देने वाली सभी याचिका खारिज
Patna High Court dismissed the petitions challenging Bihar Government's Caste based survey. pic.twitter.com/dzRYYMxTKs
— ANI (@ANI) August 1, 2023
अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया, 'जज ने ये फैसला सुनाया कि बिहार सरकार के जाति आधारित सर्वे को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं. वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.'
बता दें कि जाति आधारित जनगणना प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए 6 अलग-अलग याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी, जिसपर कोर्ट कई दिनों तक सुनवाई की थी और अपना महत्वपूर्ण फैसला को सुरक्षित रख लिया था. इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने जातीय जनगणना पर सवाल उठाते हुए उसे तत्काल रोकने के लिए दलील दी थी.