नई दिल्ली: बिहार के डीजीपी (DGP) गुप्तेश्वर पांडे (Gupteshwar Pandey) ने मगंलवार यानि आज औरंगाबाद (Aurangabad) जिले में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि, 'यह सभी कॉन्स्टेबल और कमिश्नर को पता है कि बिहार में शराब कौन बेच रहा है और कौन पी रहा है. उन्होंने साफ कहा कि अगर किसी कमिश्नर को यह पता नहीं तो वह अपने पद पर रहने लायक नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि बिना थाना के जानकारी के पत्ता भी नहीं हिल सकता, कोई माई का लाल एक बोतल दारु नहीं बेच सकता.'
वहीं डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के इस बयान के बाद बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने ANI न्यूज एजेंसी से बात करें हुए कहा कि, 'कुछ पुलिस कर्मी निस्संदेह राज्य में शराब की बिक्री में शामिल हैं. दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन पूरे पुलिस बल पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए, वह भी सार्वजनिक स्थान पर.
DGP Bihar in Aurangabad: So if every constable&commissioner work together, then Aurangabad district will become an ideal district of Bihar. I respect every constable and commissioner but those who will facilitate the sale of liquor, they will definitely go to jail 1 day. (15.02) https://t.co/nodA0wR6K8
— ANI (@ANI) February 18, 2020
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बता दें कि प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने 1 अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी का कानून लगाया है. सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश में लगभग चार हजार करोड़ रूपये के नुकसान का उस वक्त अंदाजा लगाया गया था. बिहार में जिस वक्त यह कानून लगाया गया, उस वक्त वहां के लोगों के बीच 1410 लाख लीटर शराब की खपत होती थी. इनमें 990.36 लाख लीटर देशी शराब और 420 लाख लीटर विदेशी शराब शामिल थे.