Next Chief Justice of Supreme Court: अमरावती में जन्मे और नागपुर में अपनी सेवाएं दे चुके भूषण गवई बनेंगे नए सीजेआई, 14 मई को लेंगे शपथ, जानें उनसे जुड़ी बातें
Credit-(wikipedia)

Next Chief Justice of Supreme Court: वर्तमान के चीफ जस्टिस ऑफ़ सुप्रीम कोर्ट संजीव खन्ना जल्द ही रिटायर होनेवाले है. नए चीफ जस्टिस कौन बनेंगे, इसको लेकर काफी उत्सुकता देश में थी. जिसपर अब फैसला हो गया है. नए चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया भूषण गवई बननेवाले है. भूषण गवई ने सुप्रीम कोर्ट में कई नई चीजें शुरू की थी.

जैसे उन्होंने जनहित याचिकाओं की हियरिंग के लिए हफ्ते में एक दिन निश्चित किया था. आम लोगों के लिए भी उन्होंने कई आदेश पारित की किए थे. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में शुरू आरोपियों के घरों पर बुलडोज़र चलाने की कार्रवाई पर भी उन्होंने सरकार को काफी फटकार लगाई थी.ये भी पढ़े:CJI बनने से पहले जस्टिस खन्ना ने मॉर्निंग वॉक छोड़ी, सिक्योरिटी के साथ जाने से इनकार, जानें इसकी वजह

पूर्व गवर्नर और भारतीय रिपब्लिकन पार्टी के दिवगंत नेता के है बेटे

महाराष्ट्र के प्रसिद्ध न्यायविद न्यायमूर्ति भूषण गवई देश के मुख्य न्यायाधीश होंगे. वह 14 मई को 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाएंगी. भूषण गवई के पिता रामकृष्ण गवई रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के दिवंगत नेता, सांसद और बिहार, सिक्किम और केरल राज्यों के पूर्व राज्यपाल थे. वह गवई और कमलाताई गवई के पुत्र हैं. उनके भाई राजेंद्र गवई भी अमरावती के एक पॉलिटिशियन है.

अमरावती और नागपुर से है खास रिश्ता

जस्टिस भूषण गवई का जन्म अमरावती जिले में 24 नवंबर साल 1960 में हुआ.मुंबई से लॉ में स्नातक करने के बाद उन्होंने 1985 में वकालत शुरू की. कुछ समय तक उन्होंने मुंबई और अमरावती में काम किया. उन्होंने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश स्वर्गीय बैरिस्टर राजा एस. भोसले के साथ काम किया.वह बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में जज बने. कुछ समय बाद उनकी पदोन्नति हो गई. वह 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने.अब वह 14 मई 2025 को मुख्य जज के रूप में शपथ लेंगे.उन्हें मुख्य न्यायाधीश के रूप में छह महीने का कार्यकाल मिलेगा.वह 23 नवंबर 2025 को रिटायर्ड होंगे.

बुलडोज़र कार्रवाई पर सरकार को लगाई थी फटकार

न्यायमूर्ति भूषण गवई ने सुप्रीम कोर्ट में कुछ नई प्रथाएं शुरू कीं है. उन्होंने जनहित याचिकाओं की सुनवाई के लिए सप्ताह में एक दिन तय किया है. उन्होंने आम लोगों के लिए भी कई आदेश दिए.उन्होंने उत्तर प्रदेश में आरोपियों के घरों पर शुरू की गई बुलडोजर कार्रवाई के लिए सरकार की कड़ी आलोचना की थी.सुप्रीम कोर्ट में वकील जजों के सामने ऊंची आवाज में बोल रहे थे. उन्होंने इस पर अपनी असहमति व्यक्त की थी और उन्होंने वकीलों को कड़े शब्दों में फटकार भी लगाई थी.वह नागपुर बार एसोसिएशन के तीसरे सदस्य हैं जो सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने हैं. इससे पहले न्यायमूर्ति मोहम्मद हिदायतुल्ला और न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे मुख्य न्यायाधीश बन चुके हैं.