भोपाल, 2 अगस्त: मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में एक और चीते की मौत हो गई है . मार्च के बाद से इस उद्यान में चीतों की मौत का यह नौवां मामला है, जिनमें छह वयस्क एवं तीन शावक शामिल हैं. मध्य प्रदेश वन विभाग ने बुधवार को यह जानकारी दी. विभाग ने एक बयान में कहा है कि आज सुबह मादा चीतों में से एक धात्री (टिबलिसी) मृत पाई गई. मौत का कारण पता करने के लिए पोस्टमार्टम किया जा रहा है.
उसने कहा कि इस चीते की मौत के बाद अब केएनपी में 15 चीते रह गये हैं, जिनमें सात नर, सात मादा एवं एक मादा शावक शामिल हैं. उनमें एक शावक सहित 14 चीते फिलहाल बाड़े में रखे गये हैं, जबकि एक मादा चीता अभी भी जंगल में विचरण कर रही है. विभाग ने कहा कि केएनपी में बाड़े में रखे गये 14 चीते स्वस्थ हैं. उनका लगातार स्वास्थ्य परीक्षण कूनो वन्यप्राणी चिकित्सक टीम एवं नामीबियाई विशेषज्ञ के द्वारा किया जा रहा है. कूनो में चीतों की मौत परेशान करने वाली, लेकिन चिंताजनक नहीं: NTCA
उसने कहा कि जंगल में विचरण कर रही इस मादा चीते की एक दल द्वारा गहन निगरानी की जा रही है और उसे भी स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बाड़े में लाये जाने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट चीता के तहत, कुल 20 चीतों को दो दलों में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से केएनपी में लाया गया था. पहला दल नामीबिया पिछले साल सितंबर में और दूसरा दल इस वर्ष फरवरी में आया.
चार शावकों के जन्म के बाद चीतों की कुल संख्या 24 हो गई थी लेकिन नौ मौतों के बाद यह संख्या घटकर अब 15 रह गई है. पिछले महीने दो चीतों की गर्दन पर रेडियो कॉलर के कारण लगे घावों में संक्रमण के कारण मौत हो गई थी. पर्यावरण मंत्रालय ने हालांकि कहा था कि सभी चीतों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है.
इस चीता परियोजना से जुड़े विशेषज्ञों ने ‘पीटीआई-’ को बताया था कि भारी बारिश, अत्यधिक गर्मी और नमी के कारण समस्याएं हो सकती हैं, और ‘‘चीतों की गर्दन के चारों ओर लगे कॉलर संभावित रूप से और समस्याएं पैदा कर रहे हैं.’’
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