लखनऊ: इलाहाबाद का नाम देश ही नहीं विदेशों में भी लोग इस शहर को इसी नाम से जानतें है. इस संगम नगरी को देखने और गंगा में स्नान करने के लिए हर साल विदेशों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु इलाहबाद आते है. लेकिन कुंभ मेले से पहले इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज' हो जाएगा. शाविनर को राज्यपाल और सीएम योगी की अध्यक्षता में सर्किट हाउस में मार्गदर्शक मंडल की तरफ से संतों की तरह से एक बैठक का आयोजन किया गया था. इस बैठक में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयाग रखे जाने को लेकर एक प्रस्ताव रखा गया. इस प्रस्ताव पर सीएम योगी और राज्यपाल राम नाईक ने सहमति जताते हुए अपनी तरफ से मंजूरी दे दिया है.
बैठक में प्रस्ताव को हरी झंडी देने के बाद सीएम योगी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दरअसल दो नदियों के संगम स्थल को प्रयाग के नाम से जाना जाता है. इसलिए हिमालय से निकलीं दो प्रमुख नदियों गंगा एवं यमुना के संगम स्थल को प्रयागराज ही कहा जाना चाहिए. वहीं इस दौरान राज्यपाल राम नाईक ने भी इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज' रखने को लेकर कई उदहारण देते हुए इस प्रस्ताव पर सहमित जताई. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेला प्राधिकरण का नाम पहले ही प्रयागराज के नाम पर हो चुका है और जल्द ही इलाहाबाद जिले का नाम प्रयागराज हो जाएगा. यह भी पढ़े: अब सियासत के गुर सिखाएगी योगी सरकार, UP में खुलेगा देश का पहला राजनीति प्रशिक्षण केन्द्र
वहीं इस दौरान सीएम योगी ने कुंभ मेले के आयोजन के बारे में कहा कि इस बार कुंभ मेले का आयोजन तरीके से होगी और पहली बार कुंभ के विकास के लिए इतने काम हो रहे हैं. पहली बार कुंभ का लोगों जारी हुआ और इसके लिए सभी 445 परियोजनाएं तय कार्यक्रम के मुताबिक चल रही हैं और 88 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और सभी काम दिसम्बर तक पूरे कर लिए जाएंगे. आगे सीए योगी ने मेले के बारे में बताया कि मेला 3200 हेक्टेयर में बसेगा और इसके लिए 40 हजार से ज़्यादा एलईडी लाइट लगेंगी. 80 हजार से ज़्यादा कैंप बनेंगे. 100 मिल्क बूथ और 200 वाटर एटीएम लगेंगे और 20 बैंक एटीएम लगेंगे. इसके अलावा 34 मोबाइल टावर लगेंगे. ताकि कुम्भ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी ना हो.