वर्चुअल सुनवाई में बनियान, टी शर्ट और फेस पैक लगाकर शामिल हुए वकील, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- अस्वीकार्य, ड्रेस कोड का पालन करें
वकील (File Photo)

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हाल ही में कहा है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में भाग लेने वाले वकीलों (Lawyers) को रंगीन शर्ट पहने या बिस्तर पर आराम करते हुए या फेस पैक लगाते हुए नहीं दिखना चाहिए. यह दोहराते हुए कि वर्चुअल सुनवाई में वकीलों को ड्रेस कोड का सख्ती से पालन करना चाहिए, कोर्ट ने कहा कि कार्यवाही के दौरान वकीलों की कैजुअल कपड़े बहुत अनुचित और अस्वीकार्य है. Live-in Relationship: इलाहाबाद उच्च न्यायालय का बड़ा फैसला, लिव इन में दंपति में से एक शादीशुदा हो तो हम नहीं दे सकते सुरक्षा

बार और बेंच (Bar and Bench) की एक रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी (Saurabh Shyam Shamshery) ने एक जमानत आवेदक के वकील को भेजे गए वीडियो लिंक के जवाब न देने के बाद यह टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा, "आज भी वर्चुअल मोड के माध्यम से वर्तमान मामले की सुनवाई करते हुए, एक पक्ष की ओर से पेश एक वकील रंगीन शर्ट पहने हुए दिखाई दिया और उसके आचरण पर आपत्ति के बावजूद कोई पछतावा नहीं दिखाया."

सख्त टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा "यहां तक ​​​​कि सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न घटनाओं को देखा था, जहां कई अधिवक्ताओं ने ऑनलाइन मोड के माध्यम से पेश होने के दौरान बहुत ही कैजुअल दृष्टिकोण अपनाया और पूजा की पोशाक में, स्कूटर चलाते समय, आराम से चलते समय, बनियान में, टी शर्ट या रंगीन शर्ट पहने दिखाई दिए. कई बार वकील एक खड़े वाहन के अंदर बैठे हुए, बाजार की जगहों से, शोर-शराबे वाले स्थानों से, अप्रिय स्थानों से, फोन पर बात करते हुए, अदालत पर ध्यान न देकर दूसरों के साथ वीडियो और ऑडियो टैब चालू कर बात करते हुए के साथ उपस्थित हुए है, यहां तक ​​​​कि एक महिला वकील फेस पैक के साथ सुनवाई में शामिल हुई.”

जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी ने निर्देश दिया कि वर्चुअल मोड के माध्यम से पेश होने के दौरान वकीलों को सादे सफेद शर्ट / सफेद सलवार-कमीज / सफेद साड़ी के साथ बैंड पहनना आवश्यक है. कोर्ट ने कहा कि अगर वे काला कोट भी पहनते हैं तो यह सराहनीय होगा. उन्होंने कहा कि वकीलों को एक ऐसे परिसर से कोर्ट की कार्यवाही में शामिल होना चाहिए, जिसमें शांतिपूर्ण परिवेश के साथ एक सभ्य और प्रस्तुत करने योग्य माहौल हो और कोर्ट के प्रति चौकस रहना चाहिए.