भारतीय वायुसेना (IAF) की ताकत का लोहा तो पूरी दुनिया मानती है. दुश्मनों के दांत खट्टे करने हो या उनके घर में घुसकर मारना हो. इसमें वायुसेना को महारथ हासिल है. अब वायुसेना की ताकत में और भी इजाफा होने वाला है. अमेरिका में निर्मित युद्धक हेलीकॉप्टर अपाचे एएच-64ई (AH-64E Apache Attack Helicopter) की पहली खेप मंगलवार (आज) को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो रही है. पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ आज 8 अपाचे हेलिकॉप्टर को शामिल कराएंगे. एएच-64 ई (आई) हेलीकॉप्टर का भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टर बेड़े में शामिल हो जाना भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
अपाचे एएच-64ई’ दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टर है और अमेरिकी सेना इसका इस्तेमाल करती है. आईएएफ में आठ अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर में शामिल होने पर वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएंगे. सितंबर, 2015 में भारत और अमेरिका के बीच एक बड़ी डील हुई थी, जिसके मुताबिक भारत को कुल 2 हेलिकॉप्टर भारत को मिलने वाले हैं. इसमें से 4 हेलिकॉप्टर 27 जुलाई को मिल चुके हैं. वहीं अब आठ हेलिकॉप्टर मिल रहे हैं.
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#NewInduction: Glimpses of AH-64E Apache attack helicopter's maiden flight at AFS Hindan.
The helicopter is planned to be inducted into the IAF on 03 Sep 19 at AFS Pathankot. pic.twitter.com/UYiSrEfOsg
— Indian Air Force (@IAF_MCC) September 2, 2019
जानें अपाचे एएच-64ई की खासियत
अपाचे एएच-64ई एक घातक मारक हेलीकॉप्टरों में गिना जाता है. अपाचे हेलिकॉप्टर को उड़ाने के लिए 2 पायलट जरूरत पड़ती है. यह 60 फुट ऊंचे और 50 फुट चौड़ा होता है. अपाचे हेलिकॉप्टर में दो इंजन लगे होते हैं जिसके कारण इसकी स्पीड बहुत ज्यादा होती है. तेज गति के कारण यह दुश्मनों के टैंकरों के आसानी से परखच्चे उड़ा सकता है. अपाचे 365 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरता है. अपाचे एएच-64ई हेलिफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलों से लैस होती है. इसमें लगे सेंसर की मदद से अपाचे एएच-64ई रात में भी सफल ऑपरेशन करने में सक्षम है और अपने टार्गेट को भेद सकता है.
अपाचे एएच-64ई में दोनों तरफ 30एमएम की दो गन लगी होती हैं. इसका वजन 5,165 किलोग्राम है. इसके अंदर दो पायलटों के बैठने की जगह होती है. इसमें हेल्मेट माउंटेड डिस्प्ले, इंटिग्रेटेड हेलमेट और डिस्प्ले साइटिंग सिस्टम लगा है. जिसकी मदद से पायलट हेलिकॉप्टर में लगी ऑटोमैटिक एम230 चेन गन से अपने दुश्मन को आसानी से टारगेट कर सकता है. अपाचे को अमेरिका के अलावा इजरायल, मिस्त्र और नीदरलैंड की सेनाएं भी इस्तेमाल करती हैं.