Avatar: The way Of Water Review: पैंडौरा की वापसी हो चुकी है, 13 साल के लंबे अंतराल के बाद जेम्स कैमरन (James Cameron) अवतार का सीक्वल, 'अवतार: द वे ऑफ वॉटर' आप इसे 'अवतार 2' (Avatar 2) भी कह सकते हैं, लेकर आ गए हैं. इस सीक्वल का भारतीय दर्शकों को अच्छे दिन से भी ज्यादा बेसब्री से इंतजार था. वैसे तो हर काम में जिम्मेदारी सफलता की कुंजी मानी जाती है. पर जब बात हो फिल्मों के सीक्वल की तो इसमें तो जिम्मेदार होने के साथ-साथ दबाव सहन करने के लिए आपको योगा भी करना पड़ सकता है. मानना पड़ेगा जेम्स कैमरन के कंधे खली से कम मजबूत नहीं हैं. उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया कि फिल्में बनाना कोई उनसे सीखे. बॉलीवुड को तो सीखना ही चाहिए, इनका वक्त भी बड़ा ही विपरीत सा हो चला है और भला वक्त विपरीत हो भी क्यों न जब आप 'यमला पगला दीवाना' जैसी फिल्म का सीक्वल बनाकर फ्रैंचाइजी का मर्डर करने पर तुल जाते हो. चलो हॉलीवुड फिल्म है तो हॉलीवुड की ही बात करते हैं, वरना आपकी उंगलियां भी बहुत जल्दी खिसकती हैं.
कहानी पैंडोरा से शुरू होती है, जेक सुली (Sam Worthington) अब 2 से 6 हो हैं, अरे मोटे नहीं हुए, परिवार बढ़ गया है. उनके दो बेटे हैं और एक बेटी, एक और बेटी है किरी जो अडॉप्टेड टीनेजर है. आप लोगों को लग रहा होगा 13 सालों में इतना कुछ बदल गया. भाई साब, 13 साल में तो राहुल गांधी भी बदल गए, फिर तो ये पारिवारिक मुद्दा है. जेक बचपन से ही अपने बच्चों को मजबूत बनाते हैं क्योंकि उन्हें पता है खतरा अभी टला नहीं है. बस क्या था, खतरा का नाम लिया और अलादीन के जिन की तरह प्रगट भी हो गया. ह्यूमन एक बार फिर नावी को निशाना बनाते हैं, खासकर उनके निशाने पर हैं जेक और उनका परिवार. जैसे-तैसे इस हमले से जेक खुद को और अपने परिवार को बचा लेते हैं. पर वे अपने परिवार की सुरक्षा के लिहाज से पलायन करने का सोचते हैं और अब जंगल से समुद्री जीवन अपनाते हैं. खुद को और अपने बच्चों को समुद्र और उसके पानी से रू-ब-रू कराते हैं. अब क्या ह्यूमन जेक को पानी में भी खोज निकालेंगे? यह जानने के लिए तो बॉस आपको टिकट बुक करनी पड़ेगी और 16 दिसंबर को थिएटर की तरफ भागना पड़ेगा क्योंकि एडवांस बुकिंग जोरो पर है.
सिनेमा के जरिए अगर आपको एक अलग दुनिया का अनुभव करना है, तो अवतार 2 से अच्छा विकल्स आपके पास कोई दूसरा नहीं हो सकता. यह आपके लिए सिर्फ एक फिल्म नहीं होगी बल्कि तगड़ा सिनेमेटिक एक्सपीरियंस भी होने वाला है. वैसे तो 2009 में ही कैमरन ने दर्शकों को अपने तगड़े विजुल्स से सभी को चौंका दिया था. अब 13 साल बाद इसकी बात ही अलग है. जंगल के बाद अब समुद्र और उसके विशालकाय जानवरों को देखना आपके लिए नया अनुभव होने वाला है. साथ ही एक्शन सीन्स आपको हैरान कर देंगे, जो अभी तक आपने किसी और फिल्म में नहीं देखा होगा. सिर्फ भारी विजुअल्स ही नहीं फिल्म में आपको प्यार, इमोशन्स और गहरा अध्यात्म भी देखने मिलेगा वह भी बेहतरीन बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ.
अब आप कहेंगे कि इस फिल्म में जब इतनी सारी खूबियां हैं, तो फिल्म को मैं 5 में से 5 स्टार क्यों नहीं दे रहा हूं, 4 क्यों? दरअसल मेरे हिसाब से फिल्म में कुछ छोटी मोटी खामियां भी हैं, पॉजिटिव-निगेटिव तो एक दूसरे के पूरक है, जिसे मैंने नोटिस किया है. जैसे फिल्म की कहानी बेहद ही साधरण है आप बीच में सोचेंगे कि फिल्म में अब तो कुछ ट्विस्ट आएगा पर ऐसा आखिर तक नहीं होगा. पर यह डायरेक्टर की खूबी है कि साधरण कहानी के साथ भी वे 3 घंटे 12 मिनट दर्शकों को बांधकर रखेंगे. नावी और ह्मयूमन में तो काफी अंतर है ही, वह ठीक है. पर कहीं कहीं यह अंतर बहुत खलता है ह्यूमन इतने डल दिखते हैं कि उनके एक्सप्रेशन फीके लगते हैं. शायद ह्यूमन पर भी थोड़ा कैमरा एंगल ट्राई किया गया होता तो बेहतर होता.
जेम्स कैमरन द्वारा डायरेक्टेड अवतार: द वे ऑफ वॉटर में सैम वर्थिंगटन, जो सलदाना, जेमी फ्लैटर्स, ब्रिटेन डाल्टन और सिगोर्नी वीवर जैसे कलाकार प्रमुख भूमिका में हैं. 3 घंटे 12 मिनट की यह फिल्म 16 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है, जिसकी एडवांस बुकिंग पहले ही शुरु हो चुकी है.
रेटिंग्स: 4/5 (5 में से 4 स्टार)