जब सरकार के पास हत्या की तस्वीरें थीं, तब मुंडे को इस्तीफा देने में इतना समय क्यों लगा: सुप्रिया सुले
Supriya Sule (img: tw)

पुणे, 4 मार्च : राकांपा (शरद चंद्र पवार) नेता सुप्रिया सुले ने मंगलवार को पूछा कि जब सरकार के पास सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित तस्वीरें और फुटेज उपलब्ध थे, तब राकांपा नेता धनंजय मुंडे को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने में 84 दिन क्यों लगे. सुप्रिया ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार और राकांपा नेता छगन भुजबल ने कहा कि मुंडे ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दिया है, लेकिन जिसने इस्तीफा दिया है, वह अपने पद छोड़ने के फैसले के लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दे रहा है. राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री एवं परली से राकांपा विधायक मुंडे ने अपने करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को बीड के सरपंच की हत्या के मामले के मास्टरमाइंड के रूप में नामित किए जाने के कुछ दिनों बाद राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया.

मुंडे ने कहा कि वह महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री के पद से अपनी अंतरात्मा की आवाज और स्वास्थ्य कारणों से त्यागपत्र दे रहे हैं . देशमुख की हत्या से जुड़ी भयावह तस्वीरें और अदालती आरोपपत्र के विवरण सामने आने के बाद विपक्ष ने मुंडे के इस्तीफे की मांग तेज कर दी थी. इन तस्वीरों में हत्या से पहले देशमुख के साथ की गई क्रूरताओं का खुलासा हुआ है. सुले ने कहा, ‘‘क्या मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों ने (हत्या की) तस्वीरें नहीं देखीं? उन्होंने तो आपसे और मुझसे पहले ये तस्वीरें देखी होंगी. अगर उन्होंने ये तस्वीरें देखी हैं, तो उस व्यक्ति (मुंडे) को इस्तीफ़ा देने में 84 दिन क्यों लगे.’’ उन्होंने दावा किया कि हत्या से जुड़ी तस्वीरें और फुटेज सामने आने के बाद से राज्य के लोग निराशा और सदमे में हैं. यह भी पढ़ें : भारतीय नौकरशाहों ने 1987 में बोफोर्स अधिकारियों को ‘राजीव गांधी को बचाने का तरीका सुझाया था: किताब

बारामती की सांसद ने दावा किया कि वह इस मामले पर चर्चा करने के लिए पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने का समय मांग रही हैं. सुले ने मामले की पारदर्शी जांच की मांग की और कहा कि देशमुख की हत्या में शामिल अपराधियों को फांसी की सज़ा मिलनी चाहिए. राकांपा (शरद चंद्र पवार) नेता ने कहा कि वह और उनकी पार्टी के अन्य सांसद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे और उन्हें स्थिति से अवगत कराएंगे. देशमुख का पिछले साल नौ दिसंबर को अपहरण कर लिया गया था, उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई थी. कथित तौर पर उन्होंने जिले में एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली की कोशिश को रोकने का प्रयास किया था