
नयी दिल्ली, 26 मार्च भारत ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और कहा कि देश के जीवंत बहुसांस्कृतिक समाज पर आक्षेप लगाने के उसके ‘‘लगातार’’ प्रयास धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति वास्तविक चिंता के बजाय ‘‘जानबूझकर’’ चलाए जा रहे एजेंडे को दर्शाते हैं।
अपनी प्रतिक्रिया में भारत ने रिपोर्ट को ‘‘पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित’’ बताया और कहा कि लोकतंत्र और सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में भारत की छवि को ‘‘कमजोर’’ करने के प्रयास सफल नहीं होंगे। भारत ने यह भी कहा कि यूएससीआईआरएफ को ही ‘‘चिंताजनक संस्था’’ घोषित किया जाना चाहिए।
यूएससीआईआरएफ ने 2025 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में आरोप लगाया कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है, क्योंकि धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और भेदभाव बढ़ता जा रहा है।
यूएससीआईआरएफ ने अमेरिकी सरकार से सिफारिश की है कि वह धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन में दोषी पाए गए व्यक्तियों और संस्थाओं, जैसे विकास यादव और रॉ पर ‘‘प्रतिबंध लगाए, उनकी संपत्तियों को जब्त करे और/या अमेरिका में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए।’’
अमेरिका ने भारत सरकार के पूर्व अधिकारी यादव पर 2023 में अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित नाकाम साजिश का आरोप लगाया है।
अपनी सिफारिश में, यूएससीआईआरएफ ने भारत को ‘‘विशेष चिंता वाला देश’’ या सीपीसी के रूप में नामित करने का भी आह्वान किया, क्योंकि वह ‘‘अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम (आईआरएफए) द्वारा परिभाषित व्यवस्थित, निरंतर और गंभीर धार्मिक स्वतंत्रता उल्लंघनों में संलिप्त है और उन्हें सहन कर रहा है।’’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि रिपोर्ट ने एक बार फिर ‘‘पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित आकलन’’ जारी करने का अपना पैटर्न जारी रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘यूएससीआईआरएफ द्वारा अलग-अलग घटनाओं को गलत तरीके से पेश करने और भारत के जीवंत बहुसांस्कृतिक समाज पर संदेह जताने के लगातार प्रयास धार्मिक स्वतंत्रता के लिए वास्तविक चिंता के बजाय एक जानबूझकर फैलाए जा रहे एजेंडे को दर्शाते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में 1.4 अरब लोग रहते हैं, जहां मानव जाति के सभी ज्ञात धर्मों के अनुयायी हैं। हालांकि, हमें कोई आशा नहीं है कि यूएससीआईआरएफ भारत के बहुलवादी ढांचे की वास्तविकता को जानने का प्रयास करेगा या इसके विविध समुदायों के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को स्वीकार करेगा।’’
जायसवाल यूएससीआईआरएफ रिपोर्ट पर मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र और सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में भारत की छवि को कमजोर करने के ऐसे प्रयास सफल नहीं होंगे। वास्तव में, यूएससीआईआरएफ को ही चिंताजनक संस्था घोषित किया जाना चाहिए।’’
रिपोर्ट में अमेरिकी संस्था ने अमेरिकी सरकार से यह भी सिफारिश की है कि वह ‘‘इस बात की समीक्षा करे कि क्या भारत को हथियार निर्यात नियंत्रण अधिनियम की धारा 36 के तहत एमक्यू-9बी ड्रोन जैसे हथियारों की बिक्री से धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बढ़ सकता है या उसमें वृद्धि हो सकती है।’’
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में प्राधिकारियों ने नागरिक संगठनों पर अंकुश लगाने तथा धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों, मानवाधिकार रक्षकों और धार्मिक स्वतंत्रता पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को हिरासत में लेने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) सहित आतंकवाद विरोधी और वित्तपोषण कानूनों का लगातार दुरुपयोग किया है।
यूएससीआईआरएफ अमेरिका की संघीय सरकारी एजेंसी है। यह अमेरिका के राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और कांग्रेस को नीतिगत सिफारिशें करती है और इन सिफारिशों के कार्यान्वयन पर नजर रखती है।
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