
सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण, भारत समेत दुनिया भर के देशों में इसके प्रति कौतूहल और दिलचस्पी रहती है. इस वर्ष पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 और सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को लगा था, यद्यपि दोनों ही ग्रहण भारत में नहीं देखे जा सके थे, लिहाजा युवा भारतीयों के मन में ग्रहण को लेकर आज भी जिज्ञासा बरकरार है, कि अगला ग्रहण कब और कहां-कहां लगने वाला है. यहां हम बात करेंगे, अगले चंद्र ग्रहण की, कि वह कब लगेगा औऱ क्या भारत में नजर आएगा या नहीं. इसके साथ ही जानेंगे कि भारत में चंद्र ग्रहण प्रभावी होने पर सूतक के क्या-क्या नियम लागू हो सकते हैं.
कब लगेगा साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण
इस साल यानी 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण 7-8 सितंबर 2025 की रात्रि के समय लगने की खबर है. खगोल शास्त्रियों के अनुसार यह चंद्र ग्रहण भाद्रपद शुक्ल पक्ष पुर्णिमा के दिन 09.57 PM (07 सितंबर 2025) से 12.23 AM तक रहेगा. पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने पर यह सुर्ख लाल रंग का नजर आयेगा, जिसे ‘ब्लड मून’ कहा जाता है. यह आकर्षक और हैरान करने वाला नजारा होता है, जिसे हर जिज्ञासु देखना चाहता है. यह भी पढ़ें : Varuthini Ekadashi 2025 Wishes: शुभ वरुथिनी एकादशी! प्रियजनों संग शेयर करें ये भक्तिमय हिंदी Quotes, WhatsApp Message और Facebook Greetings
क्या भारत में चंद्र ग्रहण दिखेगा?
दिनांक 7 सितंबर 2025 (भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को) की रात लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत समेत कई देशों मसलन एशिया, यूरोप, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, हिंद महासागर और ऑस्ट्रेलिया आदि में देखा जा सकता है. ऐसे में पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगने को विशेष खगोलीय और धार्मिक घटना के रूप में देखा जा रहा है. चूंकि चंद्र ग्रहण भारत में भी नजर आएगा, लिहाजा हिंदू मान्यताओं के अनुसार सूतक काल के सारे नियम लागू होंगे.
चंद्र ग्रहण का सूतक काल लगेगा या नहीं!
सनातन धर्म में ग्रहण के कारण सूतक काल के नियम लागू करने की परंपरा है. सूतक काल हिंदू धर्म के अनुसार अशुभ समय होता है. यह ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. जानें इसके सामान्य नियम.
सूतक काल के नियम
* सूतक काल में शुभ कार्य और पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए.
* ग्रहण काल में धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन कर सकते हैं.
* इस दौरान ध्यान और मंत्र का जाप करें.
* इस दौरान गर्भवती महिला को बाहर नहीं निकलना चाहिए.
* सूतक लगने तक भोजन पकाना और खाना वर्जित होता है.
* पहले से बने भोजन में तुलसी के पत्ते डालकर ढक कर रखें.
* सूतक काल समाप्त होने पर पूरे घर में गंगाजल छिड़कना चाहिए.