नयी दिल्ली, 17 दिसंबर एक संसदीय समिति ने केंद्र से सिफारिश की है कि एएमएएसआर अधिनियम के आगामी संशोधन में सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए ‘मजबूत प्रावधानों’ को शामिल किया जाये।
समिति का कहना है कि मजबूत प्रावधानों को शामिल करके केंद्र संरक्षित स्मारकों में अतिक्रमण से निपटने के लिए समय पर आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं।
परिवहन, पर्यटन और संस्कृति विभाग से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की है कि ‘‘ऐतिहासिक स्मारकों की सुरक्षा के लिए स्थानीय निकायों को सशक्त बनाया जाए’’ और एएमएएसआर अधिनियम में संशोधन के दौरान उन्हें जवाबदेह बनाने के प्रावधानों को शामिल किया जा सकता है।
समिति की ‘भारत में अप्राप्य स्मारकों और स्मारकों के संरक्षण’ से संबंधित मुद्दों पर 324वीं रिपोर्ट में समिति की सिफारिशों/टिप्पणियों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की 363वीं रिपोर्ट पर संज्ञान लिया गया है। यह रिपोर्ट पिछले सप्ताह दोनों सदनों में पेश की गई।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीन स्थलों का संरक्षण और प्रबंधन एएमएसएआर (प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष) अधिनियम के तहत होता है।
वर्तमान में एएसआई देश में 3,690 से अधिक स्मारकों का संरक्षण एवं प्रबंधन कर रही है।
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