CM सिद्धरमैया ने उन पर धनशोधन का मामला दर्ज करने को लेकर ED पर सवाल उठाए

बेंगलुरु, 1 अक्टूबर : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज करने पर सवाल उठाया और कहा कि मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) मामले में इसके प्रावधान लागू नहीं होते. सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि यह किस आधार पर धन शोधन का मामला है. संभवतः आपको भी ऐसा ही लगता होगा. मेरे हिसाब से, यह धन शोधन का मामला नहीं बनता क्योंकि ली गई जमीन के बदले में भूखंड दिया गया था, तो यह धन शोधन का मामला कैसे है?’’ सोमवार को ईडी ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ एमयूडीए द्वारा उनकी पत्नी को 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर मामला दर्ज किया था.

ईडी ने मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ पीएमएलए की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है. मुख्यमंत्री ने एमयूडीए मामले में अपने इस्तीफे की संभावना से भी इनकार किया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अंतरात्मा की आवाज के अनुसार काम करता हूं, इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है.’’ सिद्धरमैया की पत्नी ने सोमवार को एमयूडीए को पत्र लिखकर 14 भूखंडों का स्वामित्व और कब्जा छोड़ने की पेशकश की और कहा कि उनके लिए कोई भी भूखंड, घर, संपत्ति और धन उनके पति के सम्मान, गरिमा, प्रतिष्ठा और मानसिक शांति से बढ़कर नहीं है. यह भी पढ़ें : पुणे में मराठा प्रदर्शनकारियों ने ओबीसी कार्यकर्ता के साथ हाथापाई की, 25 के खिलाफ मामला दर्ज

भाजपा के इस तर्क पर कि सिद्धरमैया की पत्नी द्वारा भूखंड लौटाने की पेशकश मामले में गलत काम की स्वीकारोक्ति के समान है, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब कोई यह कहकर किसी चीज को छोड़ने का फैसला करता है कि वह विवाद नहीं चाहता, तो यह अपराध या कबूलनामा कैसे हो सकता है? विपक्षी पार्टी के नेता झूठ बोलने में ‘विश्वगुरु’ हैं.’’ सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘क्या मेरे इस्तीफा देने के बाद मामला बंद हो जाएगा? वे अनावश्यक रूप से मेरे इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. जब मैंने कोई गलत काम नहीं किया है तो मुझे इस्तीफा क्यों देना चाहिए?’