नई दिल्ली: संसद (Parliament) की एक समिति ने कारोबारियों के लिये राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के तहत कम पंजीकरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना को लेकर कम मांग का जारी रहना साल 2023-24 तक 3 करोड़ लाभार्थियों को जोड़ने के लक्ष्य को हासिल करने के अनुरूप नहीं है, ऐसे में सरकार अंतर-विभागीय कमियों को गंभीरता से दूर करे तथा मंत्रालयों एवं राज्यों के सहयोग से लक्ष्य हासिल करने की दिशा में काम करे. 7th Pay Commission: इस वजह से सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है ड्रेस अलाउंस, सैलरी में होती है अच्छी खासी बढ़ोतरी- जानें डिटेल्स
संसद में सोमवार को पेश बीजू जनता दल सांसद भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली श्रम, कपड़ा एवं कौशल विकास से संबंधित स्थायी समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है. समिति ने कहा, ‘‘वह इस बात से काफी चिंतित है कि कारोबारियों के लिये राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत 24 फरवरी 2021 तक 43,583 पंजीकरण हुए. इसमें 24 फरवरी से 15 जुलाई 2021 तक लाभार्थियों की संख्या में 508 की वृद्धि हुई.’’
रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा कि योजना को लेकर कम मांग जारी रहने का संकेत है और साल 2023-24 तक 3 करोड़ लाभार्थियों को जोड़ने के लक्ष्य को हासिल करने के अनुरूप नहीं है.
समिति ने कहा कि फरवरी से जुलाई 2021 के दौरान कम पंजीकरण का कारण कोविड-19 महामारी हो सकता है क्योंकि इस अवधि में महामारी का प्रकोप ज्यादा था, लेकिन साझा सेवा केंद्र की जिम्मेदारी एवं जवाबदेही में कमी, मंत्रालयों से जुड़े प्रक्रियागत विषय एवं अधिकार क्षेत्र से जुड़े मुद्दों से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.
समिति ने कहा कि इसलिये मंत्रालय से आग्रह किया जाता है कि वह अंतर विभागीय कमियों को गंभीरता से दूर करने के लिये उपयुक्त कदम उठाये तथा मंत्रालयों एवं राज्यों के सहयोग से लक्ष्य हासिल करने की दिशा में काम करे.
रिपोर्ट के अनुसार, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने समिति को बताया कि कारोबारियों, दुकानदारों और स्व रोजगार से जुड़े लोगों को बुढ़ापे में सहायता प्रदान करने के लिये सितंबर 2019 में 3 हजार रूपये मासिक की एक पेंशन योजना शुरू की गई थी. इस संबंध में देश भर में फैले 3.50 लाख साझा सेवा केंद्रों के नेटवर्क के जरिये योजना के लिये पंजीकरण करना था. मंत्रालय ने बताया कि यह योजना वर्ष 2023-24 तक कारोबारियों, दुकानदारों और स्व रोजगार से जुड़े करीब 3 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिये शुरू की गई थी.
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