
चंडीगढ़, 14 फरवरी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत किसानों की विभिन्न मांगों पर चर्चा के लिए शुक्रवार को यहां केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के नेतृत्व में एक केंद्रीय दल और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक सौहार्दपूर्ण रही और अगले दौर की वार्ता 22 फरवरी को निर्धारित की गई है।
किसानों के एक साल से जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ यह बैठक ढाई घंटे से अधिक समय तक चली।
बैठक में पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डिया, राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारुचक और राज्य सरकार के अन्य प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
दोनों संगठन पिछले एक साल से पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू बॉर्डर और खनौरी सीमा पर जारी किसानों के विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं।
महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में बैठक के बाद केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री ने कहा कि बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और 22 फरवरी को एक और दौर की वार्ता होगी।
जोशी ने कहा कि अगली बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय टीम का नेतृत्व करेंगे और वह (जोशी) भी उस वार्ता का हिस्सा होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘आज की बैठक में किसानों के कल्याण के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में किसान नेताओं को जानकारी दी गई।’’
जोशी ने कहा, ‘‘हमने किसानों के मुद्दों पर अपनी बात रखी।’’ उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम ने तिलहन और दलहन के बारे में भी बात की।
अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पत्रकारों से अलग से बात करते हुए कहा कि बैठक सकारात्मक माहौल में हुई और अगले सप्ताह 22 फरवरी को एक और बैठक होगी। डल्लेवाल को खनौरी धरना स्थल से एंबुलेंस में बैठक स्थल पर लाया गया। किसान नेता काका सिंह कोटरा ने कहा कि डल्लेवाल को चंडीगढ़ पहुंचने में चार घंटे लग गए।
चंडीगढ़ में हुई बैठक के बारे में पूछे जाने पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा, ‘‘उन्होंने किसानों को एक साल बाद मिलने का समय दिया... इससे पता चलता है कि वे पंजाबियों से कितना प्यार करते हैं।’’
एक अन्य मुद्दे पर अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए मान ने कहा, ‘‘किसान भूख हड़ताल पर बैठ सकते हैं या कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं, लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।’’
बैठक में मौजूद पंजाब के मंत्री खुड्डियां ने कहा कि डल्लेवाल अपनी बहन की पोती की मौत के बावजूद बैठक में हिस्सा लेने आए। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से किसानों की जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और उनका शीघ्र समाधान करने का आग्रह किया।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए 26 नवंबर से खनौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।
शुक्रवार की बैठक के बारे में किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, ‘‘हमने बैठक में फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की।’’
एक अन्य किसान नेता अभिमन्यु कुहाड़ ने दिन में पहले कहा कि सरकार को एमएसपी की गारंटी देने के लिए कानून बनाना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि किसान का मानना है कि फसलों पर एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून देश के हर वर्ग को लाभान्वित करेगा।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख किसान नेताओं में सरवन सिंह पंधेर, अभिमन्यु कुहाड़, काका सिंह कोटरा, सुखजीत सिंह, पी आर पांडियन, अरुण सिन्हा, लखविंदर सिंह, जसविंदर लोंगोवाल, एमएस राय, नंद कुमार, बलवंत सिंह बेहरामके और इंद्रजीत सिंह कोटबूढ़ा शामिल थे।
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