नयी दिल्ली, 25 जून विदेशी बाजारों में मंदी के रुख के बीच देश के तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को अधिकांश तेल-तिलहनों के दाम गिरावट के साथ बंद हुए। सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल के दाम हानि दर्शाते बंद हुए। मंहगे दाम पर कारोबार प्रभावित रहने के बीच मूंगफली तेल-तिलहन तथा नगण्य स्टॉक के बीच बिनौला तेल के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए।
शिकॉगो एक्सचेंज में रात लगभग एक प्रतिशत की गिरावट थी और फिलहाल यहां 1-1.25 प्रतिशत की गिरावट है। मलेशिया एक्सचेंज में भी 1.25-1.50 प्रतिशत की गिरावट है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि प्रमुख रूप से आयातित सूरजमुखी तेल, देश के तेल-तिलहन बाजार की धारणा पर सबसे अधिक असर डालते हैं। देशी सूरजमुखी तेल, पेराई के बाद लगभग 150 रुपये किलो के भाव पड़ता है। दूसरी ओर आयातित सूरजमुखी की बंदरगाह पर लागत लगभग 95 रुपये किलो पड़ती है। जबकि थोक में आयातित सूरजमुखी तेल लगभग 91 रुपये किलो तथा खुदरा बाजार में 130-140 रुपये लीटर (910 ग्राम) बिक रहा है।
सूत्रों ने कहा कि जब आयातित तेल के खुदरा दाम देशी सूरजमुखी तेल से नीचे होंगे तो फिर देशी सूरजमुखी तिलहन के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढाने से क्या फायदा होगा? मौजूदा स्थिति यह है कि देशी सूरजमुखी का पहले वाला एमएसपी 6,760 रुपये क्विंटल था जिसके बाजार में लगभग 4,500-5,000 रुपये क्विंटल पर भी लिवाल नहीं मिल रहे। अब सूरजमुखी तिलहन का एमएसपी फिर एक बार और बढ़ाने से (7,260 रुपये क्विंटल करने से) स्थितियों में कैसे बदलाव आ जायेगा?
सूत्रों ने कहा कि सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा कि हर साल एमएसपी बढ़ाने के बाद खाद्य तेल का थोक दाम पुराने ही भाव पर बने रहे तो इससे अंतत: तेल-तिलहन उत्पादन गंभीर रूप से प्रभावित होगा। इन्हीं वजहों से इस बार सोयाबीन, मूंगफली, कपास खेती का रकबा घटने की आशंका जताई जा रही है। जब देशी तेल-तिलहन खपेंगे नहीं तो किसान उस फसल को दोबारा क्यों बोयेंगे? इस सवाल पर गंभीरता से ध्यान देने की जरुरत है।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 5,925-5,985 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,100-6,375 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,600 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,210-2,510 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 11,400 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,855-1,955 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,855-1,980 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,300 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,200 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,750 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,625 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,300 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,750 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 8,80 0 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,625-4,645 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,435-4,555 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,075 रुपये प्रति क्विंटल।
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