नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिकी दौरे को रविवार को ‘‘प्रभावशाली’’ बताया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान लिए गये द्विपक्षीय फैसलों से राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद मिलेगी. सीतारमण ने यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री की मिस्र यात्रा की भी सराहना की और कहा कि राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी द्वारा मोदी को मिस्र के सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ से सम्मानित करना ‘‘भारत के लिए गर्व का क्षण’’ था.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रधानमंत्री को 13 देशों से सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से छह सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले राष्ट्रों से प्राप्त हुए हैं. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा को मिस्र में काफी महत्व दिया गया. Nirmala Sitharaman On Obama: ओबामा के समय 6 मुस्लिम देशों में 26000 बम गिराए गए, निर्मला सीतारमण का पलटवार
सीतारमण ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों ने एक-दूसरे को पूरा महत्व दिया है और ‘‘ऐसे कदम उठाए हैं’’ जो ‘‘हमारे राष्ट्रीय लक्ष्यों को साकार करने’’ में मदद करेंगे. अमेरिकी कांग्रेस और सीनेट के संयुक्त सत्र में मोदी के संबोधन को ‘‘बहुत महत्वपूर्ण’’ बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को उनके भाषण के दौरान तालियां बजाकर सम्मान दिया जाना ‘‘देश में हम सभी के लिए गर्व की बात है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री को दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया जाना एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना थी.’’ सीतारमण ने कहा, ‘‘अपने भाषण के दौरान, प्रधानमंत्री ने भारत और अमेरिका के संबंधों के बारे में बहुत स्पष्ट ढंग से बताया.’’
वित्त मंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला पर भारत और अमेरिका के बीच हस्ताक्षरित समझौते के कार्यान्वयन से देश में 5,000 से अधिक नई प्रत्यक्ष नौकरियों और 15,000 अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन होगा. मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की उस देश की यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच हस्ताक्षरित समझौतों में परमाणु ऊर्जा विभाग की भी हिस्सेदारी थी.
उन्होंने कहा, ‘‘एयरोनॉटिक्स कंपनियों में सबसे बड़ी जीई-एयरोस्पेस ने एफ 414 विमान इंजन के संयुक्त उत्पादन के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो भारत में बनाया जाएगा और 80 प्रतिशत प्रौद्योगिकी (भारत को) हस्तांतरित की जाएगी.’’
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