
नयी दिल्ली, एक अप्रैल सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि भारत ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 25 मार्च तक 198.65 लाख टन चावल का निर्यात किया जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह मात्रा 163.58 लाख टन थी।
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों की राज्य मंत्री निमुबेन जयंतीभाई बांभनिया ने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि कृषि-वस्तुओं के घरेलू उत्पादन, उनकी उपलब्धता और आयात/निर्यात पर सरकार द्वारा कड़ी निगरानी रखी जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘...उपभोक्ताओं, घरेलू किसानों और उद्योग के हितों को ध्यान में रखते हुए, सरकार देश में घरेलू खाद्य सुरक्षा को संतुलित करने के लिए आवश्यकतानुसार आवश्यक नीतिगत हस्तक्षेप करती है।’’
मंत्री ने पिछले पांच वित्त वर्षों के दौरान चावल निर्यात के आंकड़े साझा किए।
आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल 2024 से 25 मार्च 2025 के दौरान भारत का चावल निर्यात 198.65 लाख टन रहा। पिछले वित्त वर्ष के 25 मार्च तक कुल निर्यात में से बासमती चावल का निर्यात 59.44 लाख टन रहा। वहीं उबले चावल का निर्यात 90.44 लाख टन, गैर-बासमती सफेद चावल 33.23 लाख टन, टूटे चावल 7.95 लाख टन और चावल की अन्य किस्मों का निर्यात 7.59 लाख टन रहा।
उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में देश ने 163.58 लाख टन चावल का निर्यात किया और उसमें से बासमती चावल 52.43 लाख टन था। उबले चावल का निर्यात 75.7 लाख टन, गैर-बासमती सफेद चावल 23.6 लाख टन, टूटे चावल 5.49 लाख टन और चावल की अन्य किस्मों का निर्यात 6.36 लाख टन रहा।
मंत्री ने कहा कि भारत में सालाना करीब 50-60 लाख टन टूटे चावल का उत्पादन होता है।
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