Cow Dung Paint: इस राज्य में गाय के गोबर से बन रहा पेंट, सरकारी इमारतों की हो रही पुताई; जानें क्या है इसकी कीमत?
Photo- @PrakashJavdekar/X

Cow Dung Paint: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और निराश्रित गोवंश आश्रय केंद्रों (गौशालाओं) को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनूठा कदम उठाया है. पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अब पंचायत भवन, ब्लॉक कार्यालय, प्राथमिक-उच्च प्राथमिक विद्यालय समेत सभी सरकारी भवनों को गाय के गोबर से बने प्राकृतिक रंग से रंगा जाएगा. राज्य सरकार का मानना ​​है कि इस इको फ्रेंडली रंग से पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा, साथ ही गोशालाओं में एकत्र होने वाला गोबर आय का जरिया बनेगा और ये केंद्र आत्मनिर्भर बनेंगे.

सीएम कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक, कई विभागों से तकनीकी व वित्तीय मदद देकर प्रदेश में गोबर पेंट बनाने वाले छोटे‑बड़े संयंत्रों की संख्या तेजी से बढ़ाई जाएगी.

ये भी पढें: UP: योगी सरकार की पहल, बौद्ध-सिख श्रद्धालुओं के लिए दो तीर्थ यात्रा योजनाएं होंगी शुरू

कैसे बनता है गोबर से पेंट?

खादी ग्रामोद्योग द्वारा विकसित इस पेंट में गोबर, चूना, प्राकृतिक राल और कुछ जैविक तत्व मिलाए जाते हैं. इसमें VOC (Volatile Organic Compounds) लगभग शून्य होते हैं, यानी कमरे में रहने वालों को केमिकल वाली दुर्गंध से राहत मिलती है. निर्माता दावा करते हैं कि पेंट के सूखने बाद दीवारें सूक्ष्म रूप से ऑक्सीजन छोड़ती हैं, साथ ही थर्मल इंसुलेशन के कारण गर्मी‑सर्दी का असर कम पड़ता है.

लागत और टिकाऊपन

सरकारी विशेषज्ञों की शुरुआती गणना बताती है कि पारंपरिक केमिकल पेंट की तुलना में गोबर पेंट 15‑20% तक सस्ता पड़ सकता है. हालांकि कुछ इंजीनियरों की शंका है कि क्या यह पेंट नमी और बारिश में टिकेगा? निर्माण विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के जरिए इसकी दीर्घ कालिक मजबूती का आंकलन करने का फैसला किया है.

ग्रामीण अंचल में रोजगार की उम्मीद

गांवों में गोबर तो प्रचुर है, पर इससे कमाई कम होती थी. अब सरकारी मांग बढ़ने पर महिला स्वयं‑सहायता समूह पैकेजिंग, सप्लाई चैन और निर्माण में शामिल होकर नियमित आमदनी पा सकते हैं. पशुपालन विभाग का दावा है कि एक मध्यम आकार के जिले में ही हजारों लीटर पेंट तैयार करके सरकारी जरूरतें पूरी की जा सकती हैं.