
नयी दिल्ली, 26 मार्च मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह 'ललन' ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि सरकारी विभाग अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद के लिए ‘गूगल ट्रांसलेट’ का इस्तेमाल करते हैं, जिस पर विपक्षी सदस्यों ने कहा कि उनके मंत्रालय के जवाब के हिंदी संस्करण में विसंगतियां हैं।
उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न पूछते हुए कांग्रेस सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि देश में दुग्ध उत्पादन से संबंधित उनके प्रश्न के लिखित उत्तर में 'व्यय' और 'उपयोग' दोनों के लिए 'व्यय' शब्द का इस्तेमाल किया गया है।
कांग्रेस सदस्य ने कहा, ‘‘हिंदी में उत्तर दिये जाने में लापरवाही यहीं खत्म नहीं होती। उत्तर के अंग्रेजी संस्करण में दो पंक्तियां हैं, जो हिंदी संस्करण में गायब हैं। मंत्री खुद हिंदी भाषी राज्य (बिहार) से आते हैं और शिक्षित व्यक्ति हैं। आपका मंत्रालय संसद को उत्तर देने में लापरवाही बरत रहा है।’’
उन्होंने कहा कि उत्तर के हिंदी संस्करण में ‘‘बड़ी गलतियां’’ हैं और मंत्री को विसंगतियों के लिए जवाबदेही तय करनी चाहिए।
बिहार की मुंगेर सीट से सांसद ललन सिंह ने अपने जवाब में कहा कि अनुवाद में ‘गूगल ट्रांसलेट’ का उपयोग कर किया गया था, जो प्रौद्योगिकी कंपनी द्वारा दी जाने वाली एक निःशुल्क सेवा है।
सिंह ने कहा, ‘‘वह (अखिलेश प्रसाद सिंह) मंत्री रह चुके हैं, इसलिए उन्हें पता होना चाहिए। भारत सरकार के तहत, अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद गूगल ट्रांसलेट द्वारा किया जाता है।’’
इस पर विपक्ष की ओर से कुछ देर तक हंगामा भी हुआ।
मंत्री ने कहा, ‘‘अगर मैं उन चीजों के बारे में बताना शुरू कर दूं जो आपके सत्ता में रहने के दौरान होती थीं, तो इसे खत्म होने में घंटों लग जाएंगे।’’
कांग्रेस सदस्य द्वारा पूछे गए दुग्ध उत्पादन संबंधी पूरक प्रश्न के उत्तर में ललन सिंह ने कहा कि भारत दुग्ध उत्पादन में पहले नंबर पर है, लेकिन वह निर्यात नहीं कर सकता क्योंकि कई देश, खासकर यूरोपीय देश, भारत में गायों में खुरपका-मुंहपका बीमारी के कारण इसकी अनुमति नहीं देते हैं।
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