
हिज्बुल्ला के नेता नईम कासिम ने यह बयान शनिवार को ऐसे समय में दिया जब इजराइल और हिज्बुल्ला के बीच नवंबर में हुए संघर्ष विराम समझौते के बाद इजराइल ने शुक्रवार को लेबनान की राजधानी बेरूत पर पहली बार हमला किया. बेरूत पर हमला लेबनान से इजराइल की ओर दो रॉकेट दागे जाने के कुछ घंटों बाद किया गया लेकिन हिज्बुल्ला ने इन हमलों से इनकार किया है. इजराइली अधिकारियों ने इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
कासिम को शुक्रवार को यरूशलम दिवस के अवसर पर भाषण देना था लेकिन राजधानी के एक उपनगर सहित लेबनान के विभिन्न हिस्सों पर इजराइली हवाई हमलों के कारण कासिम के भाषण के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया. यह दिवस आमतौर पर रमजान के आखिरी शुक्रवार को मनाया जाता है. यरूशलम दिवस मनाए जाने की शुरुआत ईरान के पहले सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रूहोल्ला खुमैनी ने फलस्तीनियों के प्रति समर्थन दिखाने के लिए 1979 में की थी. संषर्घ विराम समझौते के तहत इजराइली सेनाओं को समस्त लेबनानी क्षेत्र से हटना था और हिज्बुल्ला को इजराइल की सीमा पर लितानी नदी के दक्षिण में अपनी सशस्त्र उपस्थिति समाप्त करनी थी. यह भी पढ़ें : Pakistan Drone Attack: पाकिस्तानी सेना के ड्रोन हमलों में 12 आतंकवादियों की मौत, आम नागरिक भी मारे गए
कासिम ने शनिवार रात को टेलीविजन चैनल पर प्रसारित अपने भाषण में कहा, ‘‘हमने इसका (संघर्ष विराम समझौते का) पूरी तरह से पालन किया और लितानी के दक्षिण में हमारी कोई उपस्थिति नहीं है लेकिन इजराइल ने इसका पालन नहीं किया. इजराइल हर दिन आक्रामकता दिखा रहा है.’ कासिम ने चेतावनी दी कि अगर इजराइल इस समझौते का पालन नहीं करता है और लेबनान सरकार राजनीतिक माध्यमों से इस समझौते को लागू कराने में सक्षम नहीं है तो ‘‘हमें अन्य विकल्पों का सहारा लेना होगा.’’ हिज्बुल्ला नेता ने कहा, ‘‘हम किसी को भी अनुमति नहीं देंगे कि वह हमें दुश्मन का सामना करने की हमारी ताकत और क्षमताओं का इस्तेमाल करने से रोक सके.’