नयी दिल्ली, 8 दिसंबर : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि विभिन्न स्टेशनों और ‘हॉल्ट’ पर रेलगाड़ियों का ठहराव समाप्त किए जाने का कोविड महामारी से कोई संबंध नहीं है और यह फैसला पूरी तरह से रखरखाव एवं सुरक्षा से जुडा है. वैष्णव ने कहा कि सुरक्षा एवं अन्य जरूरतों के मद्देनजर रेल पटरियों के रखरखाव की जरूरत होती है और उसे ध्यान में रखते हुए यह कठिन फैसला किया गया. उन्होंने कहा कि इस फैसले से यात्रियों को असुविधा हुई है लेकिन विभिन्न जरूरतों के मद्देनजर यह आवश्यक फैसला था.
उन्होंने कहा कि पर्याप्त रखरखाव नहीं होने से दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है. रेल मंत्री ने कहा कि इस सरकार का जोर यात्रियों की सुरक्षा के साथ सुविधाएं बढाने एवं नयी पटरियां बिछाने पर रहा है और पिछले नौ साल में करीब 21,000 किलोमीटर पटरी बिछायी गयी है. उन्होंने कहा कि क्षमता बढ़ने के साथ ही नयी ट्रेन शुरू की जाएंगी जिससे यात्रियों को सहूलियतें होंगी. रेल मंत्री उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब दे रहे थे. कोविड महामारी के प्रसार पर काबू पाने के लिए 23 मार्च 2020 से सभी नियमित यात्री रेलगाड़ियों को बंद कर दिया गया था और केवल स्पेशल रेलगाड़ियां चलाई जा रही थीं. यह भी पढ़ें : उपोष्णकटिबंधीय उत्तर अटलांटिक महासागर की सतह का तापमान गर्म हुआ: अनुसंधान
नवंबर-2021 से मेल एवं एक्सप्रेस रेलगाड़ी सेवाओं को युक्तिसंगत समय-सारणी के अनुसार और उनकी नियमित रेलगाड़ी संख्याओं के साथ चलाया जा रहा है. मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेल ने अन्य बातों के साथ-साथ रखरखाव गलियारा ब्लॉक का सृजन करके बेहतर यात्री संरक्षा उपलब्ध कराने, मौजूदा समय-सारणी में विरोधाभासों का न्यूनीकरण करने आदि के लिए आईआईटी-मुबंई की सहायता से समय-सारणी को युक्तिसंगत बनाया है.