नयी दिल्ली, आठ दिसंबर उपोष्णकटिबंधीय उत्तर अटलांटिक महासागर की सतह का तापमान लगभग एक डिग्री सेल्सियस गर्म हो गया है। इसका पता पिछले 40 वर्षों से क्षेत्र की निगरानी कर रहे वैज्ञानिकों ने लगाया है।
इसके अलावा, अमेरिका में एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह भी पाया है कि महासागर अधिक अम्लीय और खारा बन गया है और ऑक्सीजन कम हुई है।
बरमूडा अटलांटिक टाइम-सीरीज स्टडी (बीएटीएस) 1988 में बरमूडा द्वीप से लगभग 80 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में एक स्थल पर शुरू हुई थी।
‘फ्रंटियर्स इन मरीन साइंस’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार यह पाया गया कि विशेष रूप से पिछले चार वर्षों में, महासागर की सतह का तापमान भी अधिक तेजी से बढ़ा है, जबकि 1980 के दशक के बाद से प्रत्येक दशक में यह लगभग 0.24 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है।
एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में बरमूडा इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन साइंसेज के महासागर अनुसंधानकर्ता निकोलस बेट्स ने कहा, ‘‘हमें संदेह है कि यह समुद्र के तापमान और पर्यावरणीय परिवर्तनों में व्यापक, हालिया रुझानों और बदलावों का हिस्सा है, जैसे कि वायुमंडलीय तापमान बढ़ना और वैश्विक स्तर पर सबसे गर्म वर्ष होना।’’
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि 1980 के दशक की तुलना में महासागर अब 30 प्रतिशत अधिक अम्लीय है, जिसके परिणामस्वरूप कम कार्बन आयन सांद्रता है। अनुसंधानकर्ता ने कहा कि यह अन्य बातों के अलावा, खोल वाले जीवों की अपने खोल बनाये रखने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
उनके आंकड़ों ने यह भी सुझाया कि इन 40 वर्षों में, जलीय जीवन के लिए उपलब्ध ऑक्सीजन में छह प्रतिशत की कमी आई है।
अध्ययन के लिए आंकड़े कई निगरानी केंद्रों से एकत्र किया गया, जिनमें हवाई, कैनरी द्वीप समूह, आइसलैंड और न्यूजीलैंड शामिल हैं।
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