पीएम मोदी की कूटनीति का कमाल, अमेरिकी सीनेट ने दिया भारत को NATO देशों जैसा दर्जा, ऐसे होगा फायदा
पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप (Photo Credits: Twitter)

अमेरिकी सीनेट (US Senate) में एक विधेयक पारित हुआ है जो अमेरिका के नाटो (NATO) सहयोगियों और रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए इजरायल (Israel) और दक्षिण कोरिया (South Korea) जैसे देशों के साथ भारत (India) को बराबरी पर लाता है. नेशनल डिफेंस ऑथोराइजेशन एक्ट (NDAA) में वित्त वर्ष 2020 के लिए इस तरह का प्रस्ताव पिछले हफ्ते अमेरिकी सीनेट द्वारा पारित किया गया था. दरअसल, इस विधेयक का प्रस्ताव रिपब्लिकन पार्टी के सांसद जॉन कॉर्निन (John Cornyn) ने लाया था और इसका समर्थन डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद मार्क वार्नर (Mark Warner) ने भी किया था. इन दोनों ने अमेरिकी हथियार नियंत्रण कानून में आवश्यक संशोधन की मांग की थी.

दरअसल, यह संशोधन हिंद महासागर (Indian Ocean) में मानवीय सहायता, आतंकवाद निरोध, समुद्री डकैती और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्रों में अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग (US-India Defence Cooperation) को बढ़ाने की बात करता है. इस संशोधन को मंजूरी मिलने के बाद अमेरिका के बड़े रक्षा भागीदार के तौर पर भारत की हालिया मान्यता को संस्थानिक आधार मिल गया है. यह भी पढ़ें- पीएम मोदी की कूटनीति का कमाल, भारत को 'नाटो सहयोगी' बनाने के लिए अमेरिकी संसद में लाया गया बिल

इस तरह के कानूनी बदलावों पर अन्य समूहों के साथ काम करने वाले पैरोकार समूह अमेरिका इंडिया स्ट्रैटिजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कहा था कि यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम है. दरअसल, पैरोकार समूह कानूनी बदलावों के हिमायती हैं, जिससे भारत को अत्याधुनिक रक्षा उपकरण के निर्यात में मौजूदा कानूनी बाधाएं खत्म होंगी. इस तरह के उपकरण आम तौर पर कुछ ही देशों को दिए जाते हैं.

बता दें कि नाटो का मुख्यालय बेल्जियम के ब्रसेल्स में स्थित है. नाटो एक सैन्य गठबंधन है, जिसकी स्थापना 4 अप्रैल 1949 को की गई थी. इस संगठन में शामिल देशों के बीच एक दूसरे की सामूहिक सुरक्षा का जिम्मा होता है.

भाषा इनपुट