पुलवामा आतंकी हमला: भारत की कूटनीति से चेकमेट हुआ आतंकिस्तान, बोला हम नहीं चाहते जंग
मेजर जनरल आसिफ गफूर (Photo Credits: Twitter)

इस्लामाबाद: ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ यह कहावत अब पाकिस्तान भी बिलकुल सही तरीके से लागू हो रही है. दरअसल पुलवामा आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान की सेना ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इस दौरान पाकिस्तान ने अपने नापाक मंसूबों को छुपाने के लिए भारत पर ही आतंकवाद फैलाने का आरोप मढ़ा है. साथ ही गीदड़ भभकी देते हुए कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते लेकिन अगर भारत ने हम पर हमला किया तो उसका माकूल जवाब दिया जाएगा.

पाकिस्तानी सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलवामा हमले के बाद भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत ने पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान पर बिना सबूत के आरोप लगा रहा है. मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि हमें जवाब देने में इसलिए देरी हुई क्योंकि हम पहले इस मामले की जांच कर रहे थे.

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने कहा, "जैसा कि होता है कि भारत में किसी वाकये के फौरन बाद फौरी तौर पर पाकिस्तान पर आरोप लगा दिया जाता है. 1947 में पाकिस्तान आजाद हुआ. इस हकीकत को भारत कभी कबूल नहीं पाया. 1965 में हमारे बीच पहली बार युद्ध हुआ. 1971 में मुक्तिवाहनी के जरिए साजिश से हमें हटाया गया. 1999 में वो कारगिल ले आए."

गफूर ने कहा, "भारत आज तक यह कबूल नहीं कर पाया कि पाकिस्तान आजाद हो चुका है. 1947 से कश्मीरियों पर जुल्म हो रहे हैं. भारत हमारे देश में दहशतगर्दी कर रहा है. हमारी पूर्वी सरहद पर भारत बार-बार आक्रामकता दिखाता है. 2008 में हम जब दहशतगर्दी के खिलाफ जंग लड़ रहे थे, तब एक बार फिर भारत सरहद पर अपनी फौज को ले आया. भारत की दहशतगर्दी का सबूत कुलभूषण जाधव के रूप में मौजूद है. पाकिस्तान हमेशा अमन की बात करता रहा है. एलओसी पर सीजफायर भी हमने कायम रखा है. 2001 पर भारतीय संसद पर हमला हुआ, उस समय भी भारत में चुनाव होने थे."

उन्होंने कहा, "नियंत्रण रेखा पर भारत की कई स्तरीय सुरक्षा है. फिर ये कैसे हुआ कि भारत में कोई एलओसी क्रॉस करके घुसा. आप अपने सुरक्षा बलों से पूछें कि कैसे घुसपैठ हो रही है?"

गौरतलब है कि 14 फरवरी को पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी ने विस्फोटकों से लदे वाहन को सीआरपीएफ जवानों की बस से भीड़ा दिया. इस घटना में 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए जबकि 30 अन्य घायल हो गए. आत्मघाती हमलावर की पहचान आदिल अहमद के रूप में हुई जो कि पुलवामा के काकापुरा इलाके का निवासी था और 2018 में जैश में शामिल हुआ था. हमले के बाद पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने खुद इसकी जिम्मेदारी ली थी.