पाकिस्तान से उमरा तीर्थयात्रा पर जाने वाले लोगों के लिए अब एक नया नियम लागू किया गया है. सौदी अरब की हज मंत्रालय ने पाकिस्तान की धार्मिक मामलों की मंत्रालय से अपील की है कि वे पाकिस्तानियों के बढ़ते भीख मांगने के मामलों पर रोक लगाएं. मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि अगर यह स्थिति जारी रही, तो इसका असर पाकिस्तान के भविष्य के तीर्थयात्रियों पर पड़ सकता है.
क्या है नया आदेश?
सऊदी अरब सरकार ने पाकिस्तान सरकार से अनुरोध किया है कि वह एक लिखित बयान के जरिए उमरा तीर्थयात्रियों से यह सुनिश्चित कराए कि वे यात्रा के दौरान भीख नहीं मांगेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के धार्मिक मामलों की मंत्रालय ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए बताया कि यह कदम पाकिस्तान के लिए प्रतिष्ठा से जुड़ा है और अगर यह समस्या बनी रही, तो भविष्य में पाकिस्तान के तीर्थयात्रियों के लिए उमरा और हज यात्रा के लिए व्यवस्थाएं प्रभावित हो सकती हैं.
Pakistani 🇵🇰 Umrah pilgrims must submit a written declaration that they will not beg for money before boarding for 🇸🇦 Saudi Arabia. pic.twitter.com/kSMg7t1qEj
— Life in Saudi Arabia (@LifeSaudiArabia) November 20, 2024
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और इसका प्रभाव
पाकिस्तान की वर्तमान आर्थिक स्थिति बहुत ही चुनौतीपूर्ण है. बढ़ती महंगाई और कमजोर होती मुद्रा ने आम नागरिकों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा करना मुश्किल बना दिया है. विशेष रूप से हज यात्रा का खर्च अब कई परिवारों के लिए उठाना कठिन हो गया है. हाल ही में, पाकिस्तान ने सऊदी अरब को वह कोटा लौटा दिया था जो उसे हज यात्रा के लिए निर्धारित किया गया था. इसका कारण यह था कि इस बार हज यात्रा के लिए आवेदन कम आए थे, और सरकार ने यह निर्णय लिया कि इस पैसे को बचाने के लिए कोटा वापस किया जाए.
धार्मिक मामलों की मंत्रालय की पहल
पाकिस्तान सरकार ने इस मुद्दे पर ध्यान देते हुए तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाएं सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं. "रोड टू मक्का" जैसे प्रोजेक्ट के माध्यम से पाकिस्तान के तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने की कोशिश की जा रही है. इस योजना का उद्देश्य हज और उमरा यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाना है.
क्या है इसके प्रभाव?
सऊदी अरब द्वारा लागू किए गए इस नए नियम का पाकिस्तान के तीर्थयात्रियों पर दूरगामी असर हो सकता है. अगर पाकिस्तान में हालात ठीक नहीं हुए, तो यह यात्रा पर जाने वाले लोगों के लिए और भी महंगा हो सकता है. इसके अलावा, पाकिस्तान के तीर्थयात्रियों को अगर सऊदी अरब में अपमानजनक स्थितियों का सामना करना पड़ा, तो इसका असर दोनों देशों के धार्मिक रिश्तों पर भी पड़ सकता है.