
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित नए आयात शुल्क (टैरिफ) ने वैश्विक बाजारों में बड़ी उथल-पुथल मचा दी है. सोमवार को एशियाई बाजारों के खुलते ही कनाडाई डॉलर और मैक्सिकन पेसो में भारी गिरावट दर्ज की गई, जबकि अमेरिकी शेयर बाजारों के भविष्य के संकेतक (फ्यूचर्स) भी नीचे लुढ़के. यह टैरिफ अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों—कनाडा, मैक्सिको, चीन और यूरोपीय संघ—पर लगाए गए हैं.
1. करेंसी बाजार पर तगड़ा झटका
- कनाडाई डॉलर 1.4% गिरकर 2003 के बाद का सबसे निचला स्तर (C$1.473 प्रति अमेरिकी डॉलर) पर पहुंच गया.
- मैक्सिकन पेसो 2% से अधिक फिसलकर 21.15 प्रति डॉलर हो गया.
- यूरो भी 1% नीचे खिसका.
2. शेयर बाजारों में मंदी का डर
- अमेरिकी शेयर फ्यूचर्स (S&P 500 1.7%, Nasdaq 2.3%) और यूरोपीय बाजार (Euro Stoxx 50 2.6%) में गिरावट.
- एशियाई बाजार भी लाल निशान में: जापान का Nikkei 225 2.4%, दक्षिण कोरिया का Kospi 2.2%, ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 2% गिरा.
- चीन का ऑफशोर रेनमिनबी 0.7% लुढ़ककर 7.37 प्रति डॉलर हुआ.
JUST IN: 🇨🇦🇺🇸 Canadian dollar falls to lowest level since 2003 following President Trump's new tariffs. pic.twitter.com/hojuARyP0T
— BRICS News (@BRICSinfo) February 2, 2025
3. क्या हैं टैरिफ और उनका असर?
टैरिफ यानी आयातित सामान पर लगने वाला अतिरिक्त कर, जिससे विदेशी उत्पाद महंगे हो जाते हैं. ट्रंप ने मैक्सिको और कनाडा पर 25%, चीन पर 10% टैरिफ लगाए हैं. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इससे अमेरिका में महंगाई बढ़ेगी और डॉलर मजबूत होगा, जिससे वैश्विक व्यापार प्रभावित हो सकता है.
4. तेल की कीमतों में उछाल
अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल (Brent Crude) की कीमत 1% बढ़कर $76.46 प्रति बैरल हो गई. विशेषज्ञों का कहना है कि व्यापार युद्ध के कारण तेल बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी.
5. मैक्सिको के लिए खतरे की घंटी
मैक्सिकन अर्थव्यवस्था पर टैरिफ का गहरा असर दिख रहा है. बैंको बेस की मुख्य अर्थशास्त्री गैब्रिएला सिलर के अनुसार, "अगर टैरिफ लंबे समय तक रहा, तो मैक्सिको गहरी मंदी में जा सकता है." हालांकि, BBVA जैसे विश्लेषकों को उम्मीद है कि यह टैरिफ जल्द हटेगा.
6. निष्कर्ष: अनिश्चितता का माहौल
विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप की यह नीति वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा जोखिम है. एलायंसबर्नस्टीन के एरिक विनोग्रैड कहते हैं, "इससे डॉलर मजबूत होगा, लेकिन शेयर बाजार को नुकसान हो सकता है." फिलहाल, निवेशकों की नजरें अमेरिकी सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं.
यह स्थिति दिखाती है कि व्यापार युद्ध का असर सिर्फ एक देश तक सीमित नहीं रहता—यह पूरी दुनिया के बाजारों को हिला देता है. आने वाले दिनों में और उतार-चढ़ाव की संभावना है.