पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ चार साल बाद आज अपने देश लौट आए हैं. लंदन में रहने के बाद शरीफ शनिवार दोपहर इस्लामाबाद पहुंचे. नवाज शरीफ इस्लामाबाद लौटे तो उनके स्वागत के लिए पूर्व कानून मंत्री आजम तरार और पीएमएल-एन के कई बड़े नेता मौजूद रहे. इस्लामाबाद से आज ही नवाज शरीफ लाहौर जाएंगे. यहं मीनार-ए-पाकिस्तान पर शाम 5 बजे नवाज शरीफ एक जनसभा को संबोधित करेंगे.
नवाज शरीफ को 2018 में अदालत ने चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया था. साल 2019 में अदालत ने उनको जेल से ही इलाज के लिए विदेश की मंजूरी दी थी. इसके बाद गिरफ्तारी के डर से शरीफ पाकिस्तान से बाहर थे. कोर्ट से गिरफ्तारी पर राहत मिलने के बाद वो वापस लौटे हैं. पाकिस्तान के लिए उड़ान भरने से पहले दुबई हवाई अड्डे पर नवाज शरीफ ने कहा कि वह सब कुछ अल्लाह पर छोड़कर पाकिस्तान जा रहे हैं.
Mian Nawaz Sharif’s consultation with his legal team concludes at Islamabad airport! pic.twitter.com/qfmzGvngvJ
— Ishaq Dar (@MIshaqDar50) October 21, 2023
शरीफ ने पाकिस्तान की वर्तमान स्थिति को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि मुल्क के हालात 2017 की तुलना में कहीं अधिक बिगड़ गए हैं. 73 साल के नवाज शरीफ पाकिस्तान के सबसे सीनियर नेताओं में शुमार है. उनका परिवार पाकिस्तान की सियासत पर अच्छी पकड़ रखता है. नवाज शरीफ और उनके भाई शाहबाज शरीफ दोनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं.
AlhamdoLilah all immigration formalities completed at Islamabad airport by the Quaid PMLN Mian Nawaz Sharif🤲 pic.twitter.com/IHW8boqWfv
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शरीफ ने 1976 में पाकिस्तान मुस्लिम लीग पार्टी से जुड़ते हुए राजनीति की शुरुआत की थी. नवाज शरीफ ने तेजी से अपनी पहचान बनाई और 1981 में वह पंजाब के वित्त मंत्री बन गए. 1985 में शरीफ पहली बार पंजाब के मुख्यमंत्री बन गए. इसके बाद उनके पीएमएल से रिश्ते खराब हो गए और उन्होंने अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) बना ली.
1990 में नवाज शरीफ पहली बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने गये. जल्दी ही शरीफ की तत्कालीन राष्ट्रपति गुलाम इशाक खान के साथ बात बिगड़ गई. राष्ट्रपति ने भ्रष्टाचार और राजनीतिक अयोग्यता के आरोप में शरीफ को बर्खास्त कर दिया. कुछ महीने बाद मई 1993 में सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ को पीएम पद पर बहाल कर दिया. साल 1997 में नवाज शरीफ दूसरी बार प्रधानमंत्री चुने गए.
कारगिल में पाकिस्तान की हार ने नवाज शरीफ की मुश्किलें बढ़ा दीं. परवेज मुशर्रफ ने उनका तखता पलट करते हुए सत्ता पर कब्जा कर लिया. 2013 में शरीफ तीसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने गए। अप्रैल, 2016 में पनामा पेपर्स लीक का मामला सामने आया. शरीफ परिवार पर कई गंभी आरोप लगे, जिसके बाद नवाज शरीफ की मुश्किलें बढ़ गई और एक बार फिर ना सिर्फ उनका पीएम पद गया, बल्कि उनको लंदन में 4 साल गुजारने पड़े. इमरान खान की सत्ता जाते ही नावज के वापस आने की उम्मीद की गई और हुआ भी ऐसा ही. 21 अक्टूबर को नवाज आखिरकार अपने वतन लौट आए.